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मुंबई के कल्याण इलाके में पानीपुरी का ठेला चलाने वाले पिताजी के बेटे, हर्ष गुप्ता, की कहानी प्रेरणादायक है। एक समय वह कक्षा 11 में फेल हो गए थे, लेकिन हार नहीं मानी और आज उन्होंने IIT का सपना पूरा किया।

कक्षा 11 में फेल होने के बाद हर्ष ने दोबारा परीक्षा दी और पास कर ली। इसके बाद उन्होंने कक्षा 12 की अच्छी तैयारी की और JEE-Mains में 98.59% अंक हासिल किए, जिसके बाद JEE-Advanced की भी तैयारी की  ।

हर्ष के पिता, संतोष गुप्ता, रोज पानीपुरी बेचते हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने बेटे के सपनों को प्रोत्साहन दिया। हर्ष को पढ़ाई के लिए राजस्थान के कोटा में कोचिंग मिली और उन्होंने कड़ी मेहनत शुरू कर दी  । कोचिंग में उन्होंने दिन में 10–12 घंटे तक पढ़ाई की, और इसी मेहनत का परिणाम रहा कि उन्होंने IIT Roorkee में दाखिला लिया  ।

हर्ष बताते हैं कि कई लोगों ने उन्हें ताने दिए — “एक पानीपुरी वाले का बेटा IIT कैसे करेगा?” — लेकिन उन्होंने बाहरी आवाज़ों को अनसुना कर दिया और अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान लगाया  । हर्ष अब सिविल सेवा में जाने की भी सोच रहे हैं  ।

उनके पिता ने कहा:

 “मैं पानीपुरी बेचता हूँ, लेकिन अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए कुछ भी करूँगा।”  

 

हर्ष ने परिवार और दोस्तों का आभार व्यक्त करते हुए कहा:
“मेरी असफलता ने मुझे तोड़ा नहीं, बल्कि मजबूत किया।”  

उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि आर्थिक कठिनाइयाँ और शुरुआती असफलताएँ किसी के सपने को नहीं रोक सकतीं, अगर इरादा मजबूत हो। हर्ष जैसे युवा न केवल परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी मिसाल हैं।
 

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