Up Kiran, Digital Desk: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग ने देश की पुलिस फोर्स से एक बड़ी अपील की है. उन्होंने कहा है कि पुलिस को सिर्फ कानून लागू करने वाली एजेंसी बनकर नहीं रहना है, बल्कि उसे जनता का भरोसा जीतना होगा. एक ऐसे समय में जब देश की न्याय व्यवस्था में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं, राष्ट्रपति ली का यह बयान बहुत मायने रखता है.
सिओल में राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के दौरे के दौरान उन्होंने कहा, "जब लोग पुलिस पर भरोसा करते हैं, तो जांच ज़्यादा असरदार हो जाती है. हमें ऐसे तरीके खोजने होंगे जिनसे पुलिस और जनता के बीच की दूरी कम हो. इनोवेशन का मतलब सिर्फ नई टेक्नोलॉजी अपनाना नहीं है, बल्कि जनता के साथ अपने रिश्ते को नया बनाना भी है."
क्यों पड़ी इस बदलाव की ज़रूरत?
यह बयान ऐसे समय में आया है जब दक्षिण कोरिया में अभियोजकों (prosecutors) की शक्तियों को कम किया जा रहा है. पहले देश में ज़्यादातर बड़ी जांचों का अधिकार अभियोजकों के पास था, लेकिन अब यह ज़िम्मेदारी पुलिस को दी जा रही है. इसका मतलब है कि पुलिस पर अब पहले से कहीं ज़्यादा दबाव और ज़िम्मेदारी होगी.
राष्ट्रपति ली ने ज़ोर देकर कहा कि यह बदलाव तभी सफल होगा जब पुलिस खुद को इस नई भूमिका के लिए तैयार करे. उन्होंने कहा, "आप पर अब राष्ट्र की जांच क्षमताओं को एक नए स्तर पर ले जाने की ज़िम्मेदारी है. आपको अपनी विशेषज्ञता बढ़ानी होगी और जनता का विश्वास जीतना होगा."
यह कदम दक्षिण कोरिया की न्याय व्यवस्था को ज़्यादा पारदर्शी और जनता के प्रति जवाबदेह बनाने की एक कोशिश है. राष्ट्रपति का संदेश साफ़ है - पुलिस को अब सिर्फ 'फोर्स' नहीं, बल्कि जनता का 'दोस्त' और 'रक्षक' बनकर दिखाना होगा.
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