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Up Kiran,Digitl Desk: बेंगलुरु से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने रिश्तों और भरोसे को झकझोर कर रख दिया है। एक डॉक्टर, जिसका काम जिंदगी बचाना होता है, उसी पर अपनी पत्नी की जान लेने का आरोप लगा है। विक्टोरिया अस्पताल के 32 वर्षीय डॉक्टर महेंद्र रेड्डी ने कथित तौर पर अपने मेडिकल ज्ञान का इस्तेमाल किसी मरीज की जान बचाने के लिए नहीं, बल्कि अपनी ही 28 वर्षीय पत्नी कृतिका की जान लेने के लिए किया।

एक सोचा-समझा और खौफनाक प्लान

पुलिस के अनुसार, यह कोई अचानक हुआ हादसा नहीं, बल्कि एक सोचा-समझा प्लान था। जांच में पता चला है कि महेंद्र को अपनी पत्नी कृतिका की मेडिकल कंडीशन के बारे में सब कुछ पता था और उसने बड़ी ही चालाकी से उनकी कमजोरियों का फायदा उठाया।

व्हाइटफील्ड डीसीपी एम. परशुराम ने बताया, "वह उसकी बीमारी की कमजोरी को जानता था और जानबूझकर उसका फायदा उठाया।"

कैसे दिया गया वारदात को अंजाम: पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, इस खौफनाक साजिश की शुरुआत 21 अप्रैल को हुई, जब महेंद्र ने अपने घर पर कृतिका को एक अंतःशिरा (IV) इंजेक्शन यह कहकर दिया कि यह गैस की तकलीफ को दूर करने के लिए है। अगले दिन, वह कृतिका को आराम करने के बहाने मराठाहल्ली में उसके माता-पिता के घर छोड़ आया। शाम को वह फिर लौटा और IV इंजेक्शन की एक और खुराक दी।

23 अप्रैल को, कृतिका ने IV वाली जगह पर दर्द की शिकायत की। महेंद्र ने कथित तौर पर उसे व्हाट्सएप पर मैसेज करके इसे न हटाने की सलाह दी और रात में एक और खुराक देने का वादा किया। रात करीब 9:45 बजे, डॉक्टर उसके बेडरूम में गया और उसे आखिरी इंजेक्शन लगा दिया।

कैसे हुआ शक: शुरुआत में जो एक मेडिकल इमरजेंसी लग रही थी, वह जल्द ही एक आपराधिक जांच में बदल गई। कृतिका के पिता, के. मुनि रेड्डी ने जब अपनी बेटी की मौत पर संदेह जताते हुए शिकायत दर्ज कराई, तब इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।

यह मामला इस बात का एक दुखद उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति, जिसे रक्षक होना चाहिए था, भक्षक बन गया और अपने पवित्र पेशे का इस्तेमाल एक घिनौने अपराध को अंजाम देने के लिए किया।