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कभी-कभी जीवन में ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं, जो विज्ञान और तर्क से परे होती हैं। ऐसी ही एक घटना 24 दिसंबर 1971 को घटी, जब पेरू की 17 वर्षीय लड़की जुलियाना कोपका एक विमान दुर्घटना में 10,000 फीट की ऊंचाई से गिरने के बाद भी जिंदा बच गई।
जुलियाना अपनी मां के साथ पेरू के लीमा से प्लेन में यात्रा कर रही थीं। कुछ समय बाद, विमान एक भयंकर तूफान में फंस गया और दो टुकड़ों में टूट गया। इस दुर्घटना में जुलियाना अपनी सीट से उखड़कर अमेज़न के घने जंगलों में गिर गई।
इतनी ऊंचाई से गिरने के बावजूद जुलियाना की जान बच गई। हालांकि, उसे सिर और पैरों में गंभीर चोटें आईं और वह बेहोश हो गई। लेकिन, चमत्कारी रूप से वह होश में आ गई और जंगल में 11 दिन अकेले भटकने के बाद उसे कुछ स्थानीय लोग मिले, जिन्होंने उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया।
इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि कभी-कभी परिस्थितियाँ इतनी जटिल होती हैं कि केवल किस्मत ही किसी की मदद कर सकती है। जुलियाना की यह कहानी न केवल एक चमत्कारी बचाव की मिसाल है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जीवन में कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।
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