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Up Kiran, Digital Desk: सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) में बड़े बदलावों की दिशा में एक कदम बढ़ाया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस सुधार प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंज़ूरी दे दी है। GST लागू होने के आठ साल बाद यह बदलाव पहली बड़ी सुधार प्रक्रिया मानी जा रही है।
अब यह प्रस्ताव संसद के मानसून सत्र के बाद अगस्त में होने वाली GST परिषद की बैठक में विचार के लिए पेश किया जा सकता है। GST परिषद देश में अप्रत्यक्ष करों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली संस्था है। इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के लिए वित्त मंत्रालय ने राज्यों के साथ विचार-विमर्श शुरू करने की तत्परता दिखाई है, ताकि सभी की सहमति से सुधारों को लागू किया जा सके। इसके साथ ही, मंत्रालय ने अन्य महत्वपूर्ण विभागों के साथ भी प्रारंभिक चर्चा शुरू कर दी है।
GST में किए जाने वाले बदलावों में दो प्रमुख बातें शामिल होंगी
कर स्लैब में बदलाव
प्रक्रिया का सरलीकरण
इसके पीछे उद्देश्य आम आदमी और व्यापारियों को राहत प्रदान करना है। GST परिषद ने दरों की समीक्षा और उन्हें युक्तिसंगत बनाने के लिए एक मंत्रिसमूह का गठन किया था। मगर अभी तक इस दिशा में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है। हाल के महीनों में, उद्योग और व्यापार संघ सरकार से GST प्रणाली को सरल और अधिक व्यावहारिक बनाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कर दरों, स्लैब की संख्या और प्रक्रिया से जुड़ी कई समस्याओं की ओर इशारा किया है और इन सभी में सुधार की आवश्यकता जताई है।
GST स्लैब कम करने का प्रस्ताव
सभी राजनीतिक दलों के सांसदों ने GST से जुड़ी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है और कहा है कि इनका समाधान खोजने की आवश्यकता है। वर्तमान में, GST में पाँच मुख्य कर स्लैब हैं - 0% (शून्य), 5%, 12%, 18% और 28%। इसके अलावा, सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं के लिए दो अलग-अलग कर स्लैब हैं - 0.25% और 3%।
कितनी वस्तुएँ किस स्लैब में आती हैं
लगभग 21% वस्तुएँ 5% स्लैब में आती हैं। 19% वस्तुएँ 12% स्लैब में आती हैं। 18% की दर सबसे ज़्यादा यानी 44% वस्तुओं पर लागू होती है। केवल 3% वस्तुएँ, जैसे विलासिता और हानिकारक वस्तुएँ, 28% की उच्च दर के अंतर्गत आती हैं।
क्या बदलाव होने की संभावना है
सरकार 12% की दर को हटाकर उसके अंतर्गत आने वाली वस्तुओं को 5% या 18% की दर वाले स्लैब में रखने पर विचार कर रही है। इससे कर संरचना सरल होगी और व्यवसायों के लिए भी सुविधा होगी।
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