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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लगातार बिजली कटौती से जनता बेहाल है। यह समस्या अब इतनी गंभीर हो गई है कि भाजपा के अपने विधायकों को भी सरकार के उच्चाधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ रही है। इसी कड़ी में एक भाजपा विधायक ने बिजली विभाग के अफसरों और कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है जिसमें तत्काल कार्रवाई और जनता की समस्याओं के समाधान की मांग की गई है।

सिकंदराबाद और ककोड़ में गहराया संकट

प्राप्त जानकारी के अनुसार सिकंदराबाद के गुलावठी कस्बे और ग्रामीण ककोड़ क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। विधायक द्वारा प्रमुख सचिव को लिखे गए पत्र में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि बीते 15 दिनों से बिजली की लगातार कटौती के कारण ट्यूबवेल बंद पड़े हैं जिससे किसानों में भारी रोष है। यह स्थिति ऐसे समय में और भी चिंताजनक है जब कृषि कार्य चरम पर होते हैं और पानी की उपलब्धता सीधे फसलों को प्रभावित करती है। किसानों की नाराजगी सीधे तौर पर सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

अफसरों पर 'फोन न उठाने' का गंभीर आरोप

विधायक ने अपने पत्र में बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर सहायक इंजीनियर और अन्य अफसरों व कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ये अधिकारी और कर्मचारी जनता की शिकायतों को सुनने के लिए फोन तक नहीं उठाते हैं जिससे लोगों में भारी आक्रोश है। यह न केवल प्रशासनिक अक्षमता को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि जमीनी स्तर पर जनता की आवाज को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है। विधायक ने प्रमुख सचिव से अपील की है कि इन लापरवाह अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जनता की समस्याओं का तुरंत समाधान सुनिश्चित किया जाए।

पहले भी विधायक जता चुके हैं नाराजगी

ये पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश में भाजपा के विधायक नौकरशाही और सरकारी कामकाज को लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। पिछले साल लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जन ने भी नौकरशाही के रवैये पर खुलकर अपनी भड़ास निकाली थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है और जनता के काम अटके पड़े हैं। गुर्जन ने यहां तक कहा था कि 'समाजवादी पार्टी की मानसिकता वाले अधिकारी' जो उस समय आकर्षक पदों पर थे उन्होंने किसी भी तरह से भाजपा की छवि खराब करने की ठान ली है। यह दर्शाता है कि यह एक व्यापक समस्या है और केवल एक जिले तक सीमित नहीं है।

सरकार के लिए चुनौती

राज्य में आगामी चुनावों को देखते हुए बिजली आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं की बदहाली सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। विपक्षी दल निश्चित रूप से इन मुद्दों को जनता के बीच उठाएंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रमुख सचिव इस पत्र पर क्या कार्रवाई करते हैं और क्या बिजली विभाग में वास्तव में कोई सुधार देखने को मिलता है। फिलहाल सिकंदराबाद गुलावठी और ककोड़ सहित कई अन्य क्षेत्रों के लोग भीषण गर्मी में बिजली कटौती से जूझ रहे हैं और समाधान की उम्मीद में हैं। सरकार को इस मामले में तुरंत संज्ञान लेकर प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि जनता के विश्वास को बनाए रखा जा सके।

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