
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है। टीडीपी ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) से आग्रह किया है कि चुनावी सूचियों (electoral rolls) का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General - CAG) के तहत एक स्वतंत्र 'थर्ड-पार्टी ऑडिट' कराया जाए।
यह मांग ऐसे समय में आई है जब हाल ही में कथित मतदाता सूची में गड़बड़ी और फर्जी वोटों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। टीडीपी का मानना है कि फर्जी मतदाता नामों को शामिल करने और वैध मतदाताओं के नाम हटाने जैसे आरोप चुनाव प्रणाली की अखंडता पर सवाल उठाते हैं।
थर्ड-पार्टी ऑडिट की आवश्यकता क्यों?
टीडीपी का तर्क है कि एक स्वतंत्र निकाय, जैसे कि सीएजी, द्वारा चुनावी सूचियों का ऑडिट करने से निम्नलिखित लाभ होंगे:
निष्पक्षता और विश्वसनीयता: सीएजी एक संवैधानिक और निष्पक्ष निकाय है जो सरकारी खातों और प्रक्रियाओं का ऑडिट करता है। इसके द्वारा ऑडिट कराने से चुनावी सूचियों की निष्पक्षता और सटीकता पर जनता का विश्वास बढ़ेगा।
गड़बड़ियों का पता लगाना: थर्ड-पार्टी ऑडिट से डुप्लीकेट नामों, मृत मतदाताओं के नामों, अनुपस्थित मतदाताओं के नामों और फर्जी प्रविष्टियों जैसी अनियमितताओं का पता लगाने में मदद मिलेगी।
राजनीतिक हस्तक्षेप कम करना: स्वतंत्र ऑडिट से चुनावी प्रक्रिया में किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप की गुंजाइश कम होगी।
प्रक्रिया में सुधार: ऑडिट से मिली सिफारिशों के आधार पर भविष्य में मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाया जा सकेगा।
टीडीपी नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर निर्वाचन आयोग और अन्य संबंधित अधिकारियों से मुलाकात भी की है। उनका मानना है कि स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ होते हैं, और मतदाता सूची का सटीक होना इसकी पहली शर्त है।
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