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Up Kiran, Digital Desk: एशिया कप के दौरान 14 सितंबर को होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुकाबले को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई है। शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस मैच का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि आतंकवाद के दौर में पाकिस्तान के साथ मैच खेलना देशभक्ति के खिलाफ है। उनका मानना है कि ऐसे समय में जब हमारे जवान सीमा पर जान दे रहे हैं, क्रिकेट खेलना सही नहीं होगा।

उद्धव ठाकरे ने घोषणा की है कि शिवसेना के कार्यकर्ता राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर उतरकर इस मुकाबले का विरोध करेंगे। उन्होंने याद दिलाया कि उनके पिता और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने भी कहा था कि जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां करता रहेगा, तब तक कोई क्रिकेट मुकाबला नहीं होना चाहिए।

इससे पहले उनके परिवार के एक और सदस्य, आदित्य ठाकरे ने भी कहा था कि जिस तरह खून और पानी नहीं मिल सकते, वैसे ही भारत-पाक के बीच क्रिकेट मैच भी नहीं होना चाहिए। वहीं, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने इस मैच को पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों और पीड़ित परिवारों का अपमान करार दिया।

राकांपा के नेतृत्व में भी इस फैसले की आलोचना की गई। उनका कहना है कि सरकार का यह कदम दोहरे मानदंडों का उदाहरण है।

दूसरी ओर, महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि खेल को राजनीति से जोड़ना सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारतीय टीम का भाग लेना सामान्य प्रक्रिया है और इसे रोकना संभव नहीं।

एनसीपी के प्रवक्ता जितेंद्र आव्हाड ने भी इस मैच को लेकर सरकार की नीति पर सवाल उठाए और कहा कि यह मामला सत्ताधारियों की राजनीति का प्रतिबिंब है। भाजपा के मंत्री शेलार ने शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत पर देश विरोधी रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया।

शेलार ने बताया कि भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमें एक-दूसरे के देश नहीं जाएंगी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलना अलग बात है। उन्होंने याद दिलाया कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने खुद पाकिस्तान के क्रिकेटर मियांदाद का स्वागत किया था, इसलिए इस मुद्दे को समझदारी से देखना चाहिए।

इस विवाद के बीच एशिया कप में भारत-पाक मैच की तैयारियां भी जोरों पर हैं।