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Up Kiran, Digital Desk: जब भी भारतीय इतिहास में नीति, राजनीति और जीवन प्रबंधन की बात होती है, आचार्य चाणक्य का नाम अग्रणी रूप से लिया जाता है। एक शिक्षक, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री के रूप में चाणक्य की बातें आज भी उतनी ही सटीक और उपयोगी हैं, जितनी उस दौर में थीं जब उन्होंने मौर्य साम्राज्य की नींव रखी थी।

आज की इस तेज़ रफ्तार, प्रतिस्पर्धी दुनिया में भी चाणक्य की कही गई बातें जीवन और करियर में सफलता पाने की कुंजी बन सकती हैं। खासकर जब बात आर्थिक स्थिति सुधारने की हो।

चाणक्य की नजर में कौन सी आदतें बनाती हैं व्यक्ति को अमीर?
आचार्य चाणक्य मानते थे कि एक व्यक्ति का भाग्य उसकी आदतों पर निर्भर करता है। अगर किसी इंसान में सही जीवनशैली और सोच विकसित हो जाए, तो वह गरीबी से निकलकर अमीरी तक का सफर तय कर सकता है — और ये सफर चमत्कार से नहीं, आदतों से तय होता है।

पहली आदत

चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति कमाने के साथ-साथ बचाने की कला जानता है, उसके पास कभी धन की कमी नहीं होती।

आज के उपभोक्तावादी युग में "कमाओ और खर्च करो" का चलन आम है। लेकिन चाणक्य की सोच इसके बिल्कुल विपरीत है। उनका मानना था कि धन को केवल उपभोग के लिए नहीं, बल्कि भविष्य की सुरक्षा और अवसरों के निर्माण के लिए सहेजना चाहिए।

आधुनिक उदाहरण: वॉरेन बफेट, दुनिया के सबसे अमीर निवेशकों में से एक, आज भी सादगी से रहते हैं और फिजूलखर्ची से परहेज करते हैं।

संकेत: फालतू खर्च से बचें, बजट बनाएं और नियमित बचत की आदत डालें।

दूसरी आदात

चाणक्य की दृष्टि में बिना मेहनत के जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। कर्म ही व्यक्ति का सच्चा भाग्य है।

आज के दौर में 'स्मार्ट वर्क' पर जितना ज़ोर है, उतना ही 'हार्ड वर्क' की अहमियत बनी हुई है। जो व्यक्ति रोज़ अपने लक्ष्य के लिए मेहनत करता है, वह समय के साथ न केवल खुद को बेहतर बनाता है, बल्कि अपने लिए नए रास्ते भी खोलता है।

व्यावहारिक संकेत: खुद को रोज़ एक नए टारगेट से जोड़ें।

कहानी: टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को उनकी कड़ी मेहनत और दूरदर्शी सोच के लिए जाना जाता है।

तीसरी आदत

चाणक्य नीति कहती है कि जो व्यक्ति अपने कल की चिंता आज करता है, वह किसी भी संकट से पार पा सकता है।

भविष्य की योजना बनाना चाहे वह आर्थिक हो, करियर से जुड़ी हो या पारिवारिक ये आदत व्यक्ति को सतर्क और संगठित बनाती है। एक योजनाबद्ध व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी संतुलन बनाए रखता है।

टिप्स: SIP, बीमा, रिटायरमेंट प्लान जैसे वित्तीय उपायों को समय रहते अपनाएं।

अभ्यास: हर महीने वित्तीय समीक्षा करें और अपने खर्च की सूची बनाएं।

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