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Trump Tariff Impact: अमेरिकी प्रेसिडेंट ट्रंप के नए टैरिफ (जवाबी शुल्क) ने बिहार के किसानों और व्यापारियों की नींद उड़ा दी है। मखाना, लीची, आम, हल्दी और मधुबनी पेंटिंग जैसे बिहार के प्रमुख निर्यात उत्पादों पर इसका सीधा असर पड़ने की आशंका है। टैरिफ बढ़ने से इनकी कीमतें आसमान छू सकती हैं, जिससे अमेरिकी बाजार में मांग घटने का खतरा मंडरा रहा है। बिहार की अर्थव्यवस्था और लाखों किसानों-कारीगरों की आजीविका पर ये एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

किसानों को हो सकता है भारी नुकसान

यहां का मखाना अमेरिका में हर साल करीब 600 टन निर्यात होता है। मगर नए टैरिफ से इसकी कीमत बढ़ने की आशंका है। एक मखाना व्यापारी ने बताया कि अमेरिका में मखाना पहले से ही बादाम और अखरोट से प्रतिस्पर्धा करता है। अगर दाम बढ़े, तो मांग घटेगी और हमारा बाजार छिन सकता है। मखाना उत्पादकों का कहना है कि लागत बढ़ने से छोटे किसानों की कमाई पर सीधा असर पड़ेगा।

बिहार की जर्दालु और मालदा किस्म के आम और शाही लीची अमेरिका में खूब पसंद किए जाते हैं। मगर टैरिफ की मार से इनके दाम बढ़ सकते हैं, जिससे मांग पर असर पड़ेगा।

हल्दी का निर्यात भी खतरे में

राज्य की हल्दी अपनी क्वालिटी के लिए जानी जाती है, मगर टैरिफ बढ़ने से इसका निर्यात भी प्रभावित हो सकता है। हल्दी किसान रामनाथ यादव ने चिंता जताते हुए कहा ति हमारी हल्दी अमेरिका में स्वास्थ्य उत्पादों में इस्तेमाल होती है। मगर अगर कीमत बढ़ी, तो आयातक दूसरी जगहों से खरीद सकते हैं। ये बिहार के उन हजारों किसानों के लिए बुरी खबर है, जो हल्दी की खेती पर निर्भर हैं।

प्रदेश की मधुबनी पेंटिंग और कोहबर आर्ट की अमेरिका में खासी मांग है। मगर टैरिफ की वजह से इनकी कीमत बढ़ने से बाजार सिकुड़ सकता है। एक मधुबनी कलाकार राधा देवी ने कहा कि हमारी कला हमारी पहचान है। मगर अगर खरीदार कम हुए, तो हमारी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा।

ट्रंप के टैरिफ से बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। मखाना, लीची, आम और हल्दी जैसे उत्पादों पर निर्भर लाखों किसानों की आय घटने का खतरा है।