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साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार हुए हैं जिन्होंने पौराणिक किरदारों को बड़े पर्दे पर जीवंत किया है। ऐसा ही एक नाम है साउथ के मशहूर अभिनेता अरविंद स्वामी (या जिस सुपरस्टार का संदर्भ हो), जिन्होंने आज से 28 साल पहले भगवान राम का किरदार निभाकर दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी थी। यह फिल्म 1997 में रिलीज़ हुई थी और इसे दर्शकों और समीक्षकों से जबरदस्त सराहना मिली थी। यही नहीं, फिल्म को उस वर्ष नेशनल फिल्म अवॉर्ड से भी नवाजा गया था।

यह फिल्म रामायण की कथा पर आधारित थी, जिसमें भगवान राम के आदर्श, त्याग और धर्म के मार्ग पर चलने की गाथा को प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया था। फिल्म का निर्देशन एक अनुभवी फिल्मकार ने किया था और इसे भव्य स्तर पर तैयार किया गया था। संगीत, सेट डिज़ाइन और अभिनय – हर पहलू में यह फिल्म उल्लेखनीय रही।

अभिनेता ने भगवान राम के किरदार में जिस गंभीरता और गरिमा का प्रदर्शन किया, उसने लोगों को भावुक कर दिया था। खास बात यह थी कि उन्होंने सिर्फ अभिनय ही नहीं किया, बल्कि अपनी संवाद अदायगी और शारीरिक हावभाव से भी उस दिव्यता को महसूस कराया, जो राम जैसे चरित्र के लिए अपेक्षित होती है।

इस फिल्म को खासकर इसलिए भी याद किया जाता है क्योंकि उस समय पौराणिक फिल्मों का चलन कम हो चला था, लेकिन इस प्रोजेक्ट ने न केवल नई पीढ़ी को रामायण से जोड़ा, बल्कि सिनेमा के जरिये संस्कृति को जीवंत बनाए रखने का प्रयास भी किया।

28 साल बाद भी यह फिल्म और इसमें निभाया गया राम का किरदार दर्शकों के ज़हन में ताजा है। यह उदाहरण इस बात का प्रमाण है कि जब कला और श्रद्धा मिलती हैं, तो इतिहास रच जाता है।
 

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