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Government employees: अमेरिका में लगभग 100,000 सरकारी कर्मचारियों की छंटनी से हलचल मच गई है। इसी तरह अब हरियाणा सरकार ने भी अमेरिका की तर्ज पर फैसला लिया है। इसके अनुसार भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों और अफसरों को जबरन सेवानिवृत्त किया जाएगा। इससे सरकारी अफसरों में हड़कंप मच गया है।

इसके साथ ही, 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले किसी भी कर्मचारी के कार्य निष्पादन की दो बार समीक्षा की जाएगी। दूसरी समीक्षा 55 वर्ष की आयु में की जाएगी। इसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि उन्हें नौकरी जारी रखनी है या नहीं। यह नियम सभी सरकारी अफसरों और कर्मचारियों पर लागू होगा।

हरियाणा सरकार ने एक एचसीएस अधिकारी को इसी तरह से सेवानिवृत्त किया है। इसके बाद ग्रुप बी अफसरों का कार्यकाल बढ़ाने पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद अब कर्मचारियों को सेवा अवधि पूरी होने से पहले ही सेवानिवृत्त करने का सिलसिला शुरू हो गया है।

राज्य सरकार ने 2011 बैच के हरियाणा सिविल सेवा अधिकारी रीगन कुमार को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी, जिन पर अभद्र व्यवहार के आरोप थे। इसके बाद सरकार ने इस प्रक्रिया को सामान्य रूप से सभी अफसरों और कर्मचारियों के लिए लागू करने का निर्णय लिया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे और वे समय पर और गुणवत्ता के साथ काम पूरा करेंगे। यदि कोई कर्मचारी भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है, तो आरोप सिद्ध होने पर उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। पहले पदोन्नति रोकने और स्थानांतरण रोकने जैसे दंड दिए जाते थे, मगर अब उन पर विचार नहीं किया जाएगा।