Up kiran,Digital Desk : छत्तीसगढ़ की राजनीति में उस वक्त भूचाल आ गया, जब यह खुलासा हुआ कि स्कूली बच्चों के लिए चलाई जा रही PM पोषण योजना (मिड-डे मील) के तहत प्रतिबंधित एल्युमीनियम के बर्तनों की खरीदी की जा रही है। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए पूछा है कि क्या बच्चों की सेहत से बढ़कर कुछ चुनिंदा ठेकेदारों का मुनाफा है? यह मामला सिर्फ नियमों की अनदेखी का नहीं, बल्कि सीधे-सीधे लाखों बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ का है।
क्या है पूरा मामला?
केंद्र सरकार ने PM पोषण योजना के तहत साफ निर्देश दिए हैं कि खाना बनाने के लिए एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। यहाँ तक कि कोर्ट भी इस पर रोक लगा चुका है।
लेकिन इन सभी निर्देशों को ताक पर रखकर छत्तीसगढ़ में एल्युमीनियम के बर्तन खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसने एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है।
तीन-चार खास ठेकेदारों को फायदा पहुँचाने का खेल?
विकास उपाध्याय ने सीधे तौर पर "टेंडर फिक्सिंग" का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह पूरा खेल सिर्फ तीन-चार खास फर्मों को फायदा पहुँचाने के लिए रचा गया है।
- आरोप: शिकायत में बार-बार NR Associates, Ganpati Enterprises और Shri Ram Creation जैसे नामों का जिक्र है, जिन्हें पिछले कई सालों से लगातार ठेके मिल रहे हैं।
- खेल कैसे होता है?: आरोप है कि टेंडर में ऐसी शर्तें डाल दी जाती हैं, जिन्हें सिर्फ यही चुनिंदा कंपनियां पूरा कर पाती हैं। बाकी अच्छी और सस्ती दरों वाली कंपनियों को किसी न किसी बहाने से बाहर कर दिया जाता है।
'लोकतंत्र नहीं, यह लूटतंत्र है'
उपाध्याय ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा, "अगर टेंडर को निजी संपत्ति समझकर बांटा जाएगा, तो यह लोकतंत्र नहीं, लूटतंत्र होगा।" उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से सीधे हस्तक्षेप की मांग की है, क्योंकि यह सीधे-सीधे प्रधानमंत्री की योजना की मंशा पर पानी फेरने जैसा है।
बच्चों की सेहत से इतना बड़ा खिलवाड़ क्यों?
यह विवाद इसलिए और भी गंभीर हो जाता है क्योंकि यह सीधे बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा है। अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने भी इस पर गहरी चिंता जताई है। उनका सवाल है कि जब सुप्रीम कोर्ट हाल ही में एक दूसरे मामले (स्पोर्ट्स किट) में टेंडर रद्द कर चुका है, तो सरकार ने उससे कोई सबक क्यों नहीं लिया?
अब क्या हैं मांगें?
- पोषण योजना में एल्युमीनियम के बर्तनों के इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगाई जाए।
- अब तक के सभी टेंडरों की पारदर्शी समीक्षा हो।
- PM पोषण की गाइडलाइन का सख्ती से पालन हो।
- जो भी अधिकारी या ठेकेदार इसमें शामिल पाया जाए, उस पर कड़ी कार्रवाई हो।
यह मामला अब सिर्फ एक टेंडर का नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य और सरकारी सिस्टम में भरोसे का सवाल बन गया है।
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