Up kiran,Digital Desk : देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान, IITs ने इस बार उन कंपनियों को सबक सिखाने की ठान ली है, जो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करती हैं। एक बड़े और साहसिक फैसले में, सभी IITs ने मिलकर 20 से ज्यादा कंपनियों को अपने कैंपस प्लेसमेंट में आने से 'बैन' कर दिया है।
यह कोई छोटा-मोटा फैसला नहीं है, बल्कि उन हजारों छात्रों के लिए एक बड़ी जीत है, जिनके सपनों को इन कंपनियों ने एक झटके में तोड़ दिया था।
आखिर क्यों उठाया गया यह बड़ा कदम?
- इन कंपनियों ने पिछले साल IIT के छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट में अच्छी-खासी सैलरी पर नौकरी का ऑफर दिया।
- लेकिन जब छात्रों की जॉइनिंग का समय आया (इस साल जून-जुलाई में), तो ये कंपनियां अपने वादे से मुकर गईं और ऐन मौके पर जॉब ऑफर ही कैंसिल कर दिए।
छात्रों पर क्या बीती, यह जानना भी जरूरी है
IIT का एक नियम है कि अगर किसी छात्र को एक कंपनी से ऑफर मिल जाता है, तो वह आमतौर पर किसी दूसरी कंपनी के इंटरव्यू में नहीं बैठ सकता। ऐसे में, जब इन छात्रों के हाथ में आया हुआ ऑफर चला गया, तो उनके साथ क्या हुआ:
- सारे रास्ते बंद: उनके पास कोई दूसरा नौकरी का ऑप्शन नहीं बचा।
- करियर पर ब्रेक: उनका पूरा एक साल बर्बाद होने की कगार पर आ गया।
- मानसिक तनाव: इस धोखे ने उनकी मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डाला।
सिर्फ ऑफर कैंसिलेशन ही नहीं, और भी हैं 'गुनाह'
IIT अधिकारियों ने जब इन कंपनियों के पुराने रिकॉर्ड खंगाले, तो और भी चौंकाने वाली बातें सामने आईं:
- पुरानी आदत: इनमें से कुछ कंपनियों की तो ऑफर कैंसिल करने की पुरानी आदत रही है।
- सैलरी में कटौती: कुछ कंपनियां तो और भी शातिर निकलीं। उन्होंने ऑफर लेटर में जितनी सैलरी लिखी थी, जॉइनिंग के समय उससे बहुत कम सैलरी दी।
एक स्टूडेंट की दर्द भरी कहानी
IIT बॉम्बे के एक छात्र ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया, "मुझे पिछले साल दिसंबर में एक कंपनी ने ₹30 लाख के पैकेज पर नौकरी दी थी। मेरी जॉइनिंग 1 जून को होनी थी, और मेरा ऑफर 29 मई को, यानी जॉइनिंग से ठीक दो दिन पहले कैंसिल कर दिया गया।"
उसने बताया, "खुशकिस्मती से, मुझे कुछ समय बाद एक पुराने छात्र (एल्युम्नाई) की मदद से एक बेहतर ऑफर मिल गया, लेकिन मेरे कई दोस्तों के साथ भी ऐसा ही हुआ।"
अब आगे क्या?
IITs ने साफ कर दिया है कि वे अपने छात्रों के भविष्य के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे।
- जिन कंपनियों को बैन किया गया है, उनमें से ज्यादातर डेटा एनालिटिक्स और सॉफ्टवेयर की फर्में हैं।
- हालांकि, ये कंपनियां चाहें तो कैंपस के बाहर से (ऑफ-कैंपस) इन छात्रों को नौकरी दे सकती हैं।
- IITs प्रभावित छात्रों की हर संभव मदद कर रहे हैं और यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि मौजूदा प्लेसमेंट सीजन पर इसका असर न पड़े।
यह IITs का एक बड़ा संदेश है - अगर आप हमारे छात्रों के भविष्य के साथ खेलेंगे, तो हमारे दरवाजे आपके लिए बंद हो जाएंगे।
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