अगर आप अपना घर खरीदने का सपना देख रहे हैं, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला देगी। सरकार रियल एस्टेट कानून (RERA) में एक बहुत बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है, जिससे घर खरीदारों को बड़ी ताकत मिलने वाली है। अब बिल्डरों के लिए ग्राहकों को धोखा देना या उनसे किए वादे तोड़ना आसान नहीं होगा।
क्या है यह नया प्रस्ताव: सरकार के नए प्रस्ताव के मुताबिक, अगर कोई बिल्डर या डेवलपर खरीदार के साथ किए गए 'एग्रीमेंट फॉर सेल' (Agreement for Sale) की शर्तों को तोड़ता है, तो खरीदार के पास यह अधिकार होगा कि वह बिल्डर से अपना पूरा पैसा ब्याज समेत वापस मांग सके।
आसान शब्दों में समझें तो, जब आप कोई घर बुक करते हैं, तो बिल्डर आपके साथ एक एग्रीमेंट साइन करता है, जिसमें घर का साइज, पजेशन की तारीख, सुविधाएं और कीमत जैसी सारी बातें लिखी होती हैं। अभी तक अगर बिल्डर इनमें से कोई वादा तोड़ता था, तो मामला लंबे समय तक खिंच जाता था। लेकिन नए नियम के बाद, अगर बिल्डर ने एग्रीमेंट में लिखी किसी भी शर्त (जैसे- पजेशन में देरी, बताई गई सुविधा न देना, आदि) का पालन नहीं किया, तो आप तुरंत अपना पैसा वापस मांगने के हकदार होंगे।
आपको कैसे मिलेगा इसका फायदा?
पैसा डूबने का डर खत्म: अब आपका पैसा बिल्डर के पास फंसेगा नहीं। अगर प्रोजेक्ट में गड़बड़ी होती है, तो आप आसानी से बाहर निकल सकते हैं।
बिल्डरों की जवाबदेही बढ़ेगी: जब बिल्डर को पता होगा कि वादा तोड़ने पर उसे पूरा पैसा ब्याज के साथ लौटाना पड़ सकता है, तो वह किसी भी प्रोजेक्ट को लेकर ज्यादा गंभीर और जवाबदेह हो जाएगा।
धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम: यह बदलाव उन बिल्डरों पर नकेल कसेगा जो झूठे वादे करके ग्राहकों से पैसे तो ले लेते हैं, लेकिन समय पर घर नहीं देते।
विश्वास बढ़ेगा: इस नियम से रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों का घर खरीदने में विश्वास मजबूत होगा।
यह प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है और इसे लागू होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। लेकिन यह कदम निश्चित रूप से देश के करोड़ों घर खरीदारों के हक में एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक फैसला साबित होगा।
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