
मानव शरीर नाशवान है। हालाँकि, मानव शरीर में एक ऐसा अंग है जो गैसोलीन से जलाने पर भी नहीं जलता। मृत्यु के बाद धर्म के अनुसार दफन और दाह संस्कार किया जाता है। शरीर नष्ट हो जाता है। चाहे उसे दफनाया जाए या जलाया जाए, व्यक्ति के शरीर का एक हिस्सा बरकरार रहता है। मानव शरीर में यह अंग कभी नहीं मरता।
दाँत मानव शरीर का वह अंग है जो कभी ख़राब नहीं होता। दांत एक ऐसा अंग है जो जलने पर भी नहीं जलता। दाँत शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं। एक बार दूध का दांत गिर जाने पर, नए दांत कभी नहीं उगते।
कुदरत का एक जीता जागता उदाहरण है हमारा शरीर
इंसानी शरीर कुदरत का एक जीता जागता उदाहरण है। मानव कंकाल में 206 हड्डियाँ होती हैं। ये शरीर को आकार और सहारा देती हैं। हृदय, फेफड़े, मस्तिष्क, यकृत, गुर्दे जैसे अंग जीवन के लिए आवश्यक कार्य करते हैं। मानव शरीर में लगभग 0.2 मिलीग्राम सोना होता है, ज्यादातर खून में।
शरीर की हर संरचना, चाहे वह हड्डियों का ढांचा हो, मस्तिष्क की जटिल नेटवर्क हो या त्वचा की सुरक्षात्मक परत। ये एक खास उद्देश्य के लिए डिज़ाइन की गई है। ये एक ऐसी जीती जागती मशीन है जो नन्हा सा डीएनए संदेश लेकर विशाल कार्यों को अंजाम देती है। जैसे कि एक साथ साँस लेना, सोचना, और हँसना। मानव शरीर की यह अनूठी संरचना और कार्यप्रणाली इसे कुदरत का जीता-जागता उदाहरण बनाती है।