Up Kiran, Digital Desk: त्रिपुरा में आदिवासियों के अधिकारों की वकालत करने वाली राजनीतिक पार्टी टिप्रामथा (Tipra Motha) ने एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है। उन्होंने चुनाव आयोग (Election Commission - EC) से राज्य में 'विशेष स्वदेशी अधिकार' (Special Indigenous Rights - SIR) को तुरंत लागू करने का आग्रह किया है।
यह मांग त्रिपुरा के मूल निवासियों, जिन्हें आदिवासी समुदाय भी कहा जाता है, के अधिकारों, पहचान और भूमि की सुरक्षा से जुड़ी हुई है। टिप्रामथा का मानना है कि इन अधिकारों को लागू करने से उन्हें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक प्रतिनिधित्व और न्याय मिल सकेगा।
यह अपील ऐसे समय में आई है जब राज्य में आदिवासी समुदायों के मुद्दों को लेकर बहस तेज़ है, और टिप्रामथा इन समुदायों की आवाज़ बनकर उभरी है। पार्टी का मानना है कि 'विशेष स्वदेशी अधिकार' लागू होने से आदिवासी क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित होगा और उन्हें अपने भविष्य के बारे में निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता मिलेगी।
चुनाव आयोग को संबोधित यह आग्रह दर्शाता है कि टिप्रामथा इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रही है और वह चाहती है कि इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो। यह देखना होगा कि चुनाव आयोग इस मांग पर क्या रुख अपनाता है और क्या यह त्रिपुरा के राजनीतिक परिदृश्य में कोई बड़ा बदलाव लाता है।
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