Up kiran,Digital Desk : आज तारीख है 25 नवंबर 2025 और अयोध्या नगरी एक बार फिर ठीक उसी तरह सजी है, जैसे त्रेतायुग में राम जी के वनवास से लौटने पर सजी होगी। हर तरफ फूलों की खुशबू और जय श्री राम के नारे गूंज रहे हैं। वजह बेहद खास है—आज अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर विधिवत ध्वजारोहण (Flag Hoisting) होने जा रहा है, और इस ऐतिहासिक काम को अंजाम देने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पहुंच रहे हैं।
लोग कह रहे हैं कि मंदिर बनने और रामलला की मूर्ति विराजने के बाद यह आयोजन 'दूसरी प्राण-प्रतिष्ठा' से कम नहीं है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पिछले कई महीनों से इस दिन की तैयारी कर रहा था, और आज वह घड़ी आ ही गई।
क्या है पीएम मोदी का आज का प्लान?
प्रधानमंत्री मोदी का आज का शेड्यूल काफी पैक है और अयोध्या वासियों के लिए बेहद रोमांचक भी।
- आगमन: पीएम मोदी महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
- यात्रा: वहां से हेलिकॉप्टर के जरिए वे सीधे साकेत महाविद्यालय पहुंचेंगे।
- ग्रैंड रोड शो: इसके बाद शुरू होगा असली जश्न! साकेत कॉलेज से राम मंदिर तक पीएम का भव्य रोड शो निकलेगा। सड़क के दोनों ओर स्कूली बच्चे हाथों में तिरंगा और केसरिया झंडे लिए खड़े मिलेंगे। स्थानीय लोग और महिला स्वयं सहायता समूह की बहनें फूल बरसाकर अपने प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगी।
सुरक्षा के इंतजाम ऐसे हैं कि परिंदा भी पर न मार सके। पूरे इलाके को 8 अलग-अलग जोन में बांटा गया है और सुरक्षा की कमान महिलाओं के हाथों में भी दी गई है। हालांकि, पीएम हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए जाएंगे या नहीं, इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है।
वो केसरिया ध्वज, जो है आज का 'हीरो'
आज सारी चर्चा उस विशेष ध्वज की हो रही है जो राम मंदिर के सबसे ऊंचे शिखर (161 फीट) पर लहराने वाला है। यह कोई आम झंडा नहीं है।
- बनावट: इसे अहमदाबाद के मशहूर शिल्पकार भरत मेवाड़ ने महीनों की कड़ी तपस्या और मेहनत से तैयार किया है।
- आकार: इस ध्वज का डंडा (दंड) ही 42 फीट ऊंचा है। खुद ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट है। सोचिए, जब यह 161 फीट की ऊंचाई पर हवा में लहराएगा, तो नजारा कितना दिव्य होगा!
- प्रतीक: केसरिया रंग के इस ध्वज पर तीन बेहद पवित्र चिन्ह बने हैं— सूर्य देव, ॐ और कोविदार वृक्ष। सूर्यवंश के प्रतीक भगवान राम के मंदिर पर सूर्य का चिन्ह होना अपने आप में बहुत मायने रखता है।
आज शाम जब यह ध्वज शिखर पर स्थापित होगा, तो अयोध्या का आसमान एक अलग ही तेज से चमक उठेगा। यह सिर्फ एक कपड़ा नहीं, बल्कि सनातन आस्था का शिखर है।
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