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Up Kiran, Digital Desk: अक्सर जब हम 'स्वीटेस्ट डे' (Sweetest Day) के बारे में सुनते हैं, तो हमें लगता है कि यह चॉकलेट, कैंडी या कुछ मीठा खाने और खिलाने का दिन होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन का असली मतलब इससे कहीं ज्यादा गहरा और खूबसूरत है?

आज, यानी अक्टूबर महीने के तीसरे शनिवार को, 'नेशनल स्वीटेस्ट डे' मनाया जाता है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि दुनिया में सबसे मीठी चीज कोई मिठाई नहीं, बल्कि किसी के लिए बिना किसी उम्मीद के कुछ अच्छा करना, किसी की मदद करना और किसी के चेहरे पर मुस्कान लाना है.

कैसे हुई इस खूबसूरत दिन की शुरुआत?

इसकी कहानी बड़ी दिल छू लेने वाली है. इसकी शुरुआत 1920 के दशक में अमेरिका के क्लीवलैंड शहर में हुई थी. वहां एक कैंडी कंपनी में काम करने वाले हर्बर्ट बर्च किंग्स्टन नाम के एक नेक दिल इंसान थे. वह अक्सर शहर के अनाथ बच्चों, गरीबों और बीमार लोगों को चुपके से छोटी-छोटी मिठाइयां और चॉकलेट बांटकर उनके चेहरों पर खुशी लाने की कोशिश करते थे.

धीरे-धीरे उनके दूसरे दोस्त और सहकर्मी भी इस काम में उनका साथ देने लगे. उनकी यह छोटी सी पहल लोगों को इतनी पसंद आई कि यह एक आंदोलन बन गया और अक्टूबर के तीसरे शनिवार को 'स्वीटेस्ट डे' के रूप में मनाया जाने लगा. यह दिन किसी अजनबी के लिए भी कुछ अच्छा करके उसकी जिंदगी में मिठास घोलने का प्रतीक बन गया.

कैसे बनाएं इस दिन को और भी 'मीठा'?

इस दिन को मनाने के लिए आपको कोई बड़ा काम करने की जरूरत नहीं है. कुछ छोटी-छोटी बातें भी किसी के दिन को खास बना सकती हैं:

एक 'थैंक यू' नोट लिखें: अपने ऑफिस के सहकर्मी, घर पर काम करने वाली दीदी या सोसाइटी के गार्ड के लिए एक छोटा सा 'धन्यवाद' का नोट लिखें. बताएं कि आप उनके काम की कितनी सराहना करते हैं.

किसी अजनबी की मदद करें: किसी बुजुर्ग को सड़क पार करने में मदद करें, किसी जरूरतमंद को खाना खिला दें या बस किसी उदास दिख रहे इंसान को देखकर मुस्कुरा दें.

तारीफ करें: अपने आसपास के लोगों की सच्चे दिल से तारीफ करें. किसी के काम की, किसी के कपड़ों की या बस उनकी मुस्कान की. आपकी छोटी सी तारीफ किसी का पूरा दिन बना सकती है.

सुनने के लिए समय निकालें: आज अपने किसी दोस्त या परिवार के सदस्य के पास बैठें और बिना टोके सिर्फ उनकी बातें सुनें. कभी-कभी किसी को बस एक ऐसे इंसान की जरूरत होती है जो उन्हें सुन सके.

एक छोटा सा तोहफा दें: यह महंगा होना जरूरी नहीं है. किसी के लिए एक फूल, एक किताब या बस एक कप कॉफी भी आपके प्यार को जताने के लिए काफी है.

'स्वीटेस्ट डे' हमें सिखाता है कि दयालुता और सराहना सिर्फ एक दिन के लिए नहीं, बल्कि हर दिन की आदत बननी चाहिए. तो आज आप किसकी जिंदगी में मिठास घोल रहे हैं