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Up Kiran, Digital Desk: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आज गुजरात दौरा एक विशेष कार्यक्रम से भरा हुआ है। उनका यह दौरा देश की सांस्कृतिक और शैक्षणिक महत्व को एक ही दिन में रेखांकित करता है। राष्ट्रपति मुर्मू एक तरफ द्वारकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगी, तो दूसरी तरफ वह ज्ञान के प्रतिष्ठित केंद्र गुजरात विद्यापीठ के एक महत्वपूर्ण दीक्षांत समारोह में भी शामिल होंगी।

चलिए, सरल भाषा में जानते हैं कि आज के उनके इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का ब्यौरा क्या है।

पहला पड़ाव: द्वारकाधीश मंदिर में पूजा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज अपने कार्यक्रम की शुरुआत सबसे पहले गुजरात के पवित्र शहर द्वारका से करेंगी। उनका पहला पड़ाव वहाँ का विश्व-प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर है। यह मंदिर न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं के लिए बड़ा आध्यात्मिक महत्व रखता है।

वहाँ पहुँचकर राष्ट्रपति नियमानुसार पूरी श्रद्धा के साथ भगवान द्वारकाधीश के दर्शन करेंगी और पूजा-अर्चना में हिस्सा लेंगी। उनका मंदिर में आने का मतलब यह भी है कि वहाँ की प्रशासनिक सुरक्षा और व्यवस्था बहुत चाक-चौबंद होगी। यह धार्मिक यात्रा पूरे देश के लिए एक सुखद संकेत देती है।

दूसरा पड़ाव: गांधीजी के गुजरात विद्यापीठ में संदेश

धार्मिक कार्यक्रम खत्म करने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू का दूसरा महत्वपूर्ण कार्यक्रम अहमदाबाद में है। यहाँ वह गुजरात विद्यापीठ के 66वें दीक्षांत समारोह (कन्वोकेशन) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी।

गुजरात विद्यापीठ एक ऐसा प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है, जिसे स्वयं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्थापित किया था। यह स्थान उनके मूल्यों और आदर्शों का प्रतीक है। इस खास मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू संस्थान से पास होकर निकले छात्रों को संबोधित करेंगी, उन्हें अपनी डिग्रियाँ और गोल्ड मेडल सौंपेंगी। यह संबोधन न सिर्फ उन छात्रों के लिए बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए एक बड़ा प्रेरणा संदेश होगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का एक ही दिन में इन दोनों महत्वपूर्ण संस्थानों—आध्यात्मिक और शैक्षणिक—का दौरा करना यह दिखाता है कि भारत की तरक्की और भविष्य के लिए ज्ञान और धर्म दोनों का बराबर का महत्व है।