
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में 'नेक्स्ट-जेनरेशन GST सुधारों' की घोषणा के बाद से देश भर के व्यापारिक समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, पीएम मोदी ने संकेत दिया कि आगामी त्योहारी सीजन, विशेष रूप से दिवाली से पहले, आम घरेलू वस्तुओं पर GST दरों में बड़ी कटौती की जाएगी। इस घोषणा का व्यापारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया है, उनका मानना है कि यह कदम न केवल आम नागरिकों को राहत देगा, बल्कि 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' (Ease of Doing Business) को भी बढ़ावा देगा।
व्यापारी क्यों कर रहे हैं स्वागत?
फेडरेशन ऑफ सदर बाज़ार ट्रेडर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष, परमजीत सिंह पम्मा, जैसे व्यापारिक नेताओं ने इस कदम को "लंबे समय से चली आ रही मांग" बताया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 5% से 28% तक की GST दरें व्यापारियों के लिए एक बोझ बनी हुई हैं, और इन दरों में कमी से उन्हें "बेहद राहत" मिलेगी। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब GST को लागू हुए आठ साल हो गए हैं, और सरकार अब इस महत्वपूर्ण कर सुधार को और अधिक सरल, पारदर्शी और उपभोक्ता-अनुकूल बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
'डबल दिवाली' का तोहफा: क्या होंगे प्रमुख बदलाव?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में “इस दिवाली, मैं आपके लिए डबल दिवाली मनाने जा रहा हूँ। देशवासियों को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है — आम घरेलू वस्तुओं पर GST में भारी कमी की जाएगी।”कहा। इस घोषणा से यह उम्मीद जगी है कि सरकार GST स्लैबों को युक्तिसंगत बना सकती है, संभवतः 12% स्लैब को समाप्त कर सकती है और आवश्यक वस्तुओं को 5% ब्रैकेट में ला सकती है।कई रिपोर्टों के अनुसार, सरकार द्वारा GST दरों को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव पर विचार किया जा रहा है, जिसमें संभवतः 12% स्लैब को हटाया जा सकता है।
GST सुधारों से व्यापार जगत को उम्मीदें:
सरलीकरण: व्यापारियों को उम्मीद है कि नए सुधार GST प्रक्रियाओं को सरल बनाएंगे, अनुपालन लागत को कम करेंगे और कागज कार्रवाई को घटाएंगे।
कम अनुपालन बोझ: एकल खिड़की पंजीकरण और ऑनलाइन प्रक्रियाओं ने पहले ही व्यापार को आसान बनाया है, लेकिन व्यापारी उम्मीद करते हैं कि नए सुधार अनुपालन बोझ को और कम करेंगे, जिससे MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को विशेष लाभ होगा।
बढ़ी हुई पारदर्शिता: GST का मूल उद्देश्य ही पारदर्शिता लाना था, और व्यापारी उम्मीद करते हैं कि आगामी सुधार इस दिशा में और अधिक कदम बढ़ाएंगे।
आर्थिक विकास को गति: करों में कमी और व्यापार में आसानी से घरेलू व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय उत्पादों को आयातित वस्तुओं की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा, और समग्र आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
उपभोक्ता मांग में वृद्धि: आम घरेलू सामानों पर GST दरें कम होने से उनकी कीमतें घटेंगी, जिससे उपभोक्ता मांग बढ़ेगी और बाजार में अधिक रौनक आएगी।[
'नेक्स्ट-जेनरेशन GST' का क्या मतलब?
'नेक्स्ट-जेनरेशन GST' का तात्पर्य उन सुधारों से है जो GST को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालेंगे। इसमें डिजिटल एकीकरण को बढ़ावा देना, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से संबंधित मुद्दों को हल करना, रिफंड प्रक्रियाओं को तेज करना और विभिन्न कर स्लैबों को युक्तिसंगत बनाना शामिल हो सकता है। सरकार ने इन सुधारों को लागू करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन भी किया है, जो इस दिशा में काम करेगी
यह कदम भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में मजबूत करने और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। व्यापार जगत को उम्मीद है कि ये सुधार भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंग
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