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महाराष्ट्र की पारंपरिक थाली में एक खास और बेहद पसंद किया जाने वाला व्यंजन है – वरण भात। यह एक साधारण लेकिन पौष्टिक और स्वाद से भरपूर भोजन है, जिसे खासतौर पर त्योहारों, धार्मिक अवसरों और रोज़ के खाने में भी बड़े चाव से खाया जाता है। अगर आपने अभी तक वरण भात का स्वाद नहीं चखा है, तो अब समय है इस सरल रेसिपी को आजमाने का।

 वरण भात क्या है?

वरण यानी अरहर की दाल और भात यानी चावल। यह दो चीजों के मेल से तैयार एक हल्का और सुपाच्य भोजन होता है, जिसे शुद्ध देसी घी और सरल मसालों के साथ पकाया जाता है। इसे खासतौर पर गणेश चतुर्थी, नवरात्रि या किसी पूजा के भोग में भी शामिल किया जाता है।


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 आवश्यक सामग्री:

वरण (दाल) के लिए:

अरहर की दाल – 1 कप

हल्दी – 1/4 छोटा चम्मच

नमक – स्वादानुसार

गुड़ – 1 छोटा टुकड़ा (वैकल्पिक)

हरी मिर्च – 1 (फांकी हुई)

देसी घी – 1 चम्मच

जीरा – 1/2 छोटा चम्मच

हींग – एक चुटकी


भात (चावल) के लिए:

बासमती या साधारण चावल – 1 कप

पानी – 2 कप

नमक – स्वादानुसार

 

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 बनाने की विधि:

1. दाल को उबालें: अरहर की दाल को धोकर कुकर में हल्दी और थोड़ा पानी डालकर 3-4 सीटी आने तक पकाएं।


2. तड़का तैयार करें: एक पैन में देसी घी गरम करें, उसमें जीरा, हींग और हरी मिर्च डालें। फिर इसमें उबली हुई दाल डालें।


3. गुड़ और नमक डालें: स्वाद के अनुसार नमक और थोड़ा गुड़ डालकर दाल को मध्यम आंच पर 5 मिनट पकाएं।


4. चावल पकाएं: चावल को धोकर कुकर में पानी और थोड़ा नमक डालकर 2 सीटी में पका लें।


5. परोसें: गरमा-गरम चावल के ऊपर वरण डालें और ऊपर से देसी घी की बूंदें टपकाएं।
 

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