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पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में बीते कल को बड़ा रेल हादसा हो गया। सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस से एक मालगाड़ी टकरा गई। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई और 41 लोग घायल हो गए। घायलों का इलाज किया जा रहा है। मृतकों में मालगाड़ी का लोको पायलट और यात्री ट्रेन का गार्ड भी शामिल है।

हादसा सुबह सवेरे 8.55 बजे न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से 30 किमी दूर रंगपानी स्टेशन के पास हुआ। मालगाड़ी के इंजन से टकराने के बाद कंचनजंगा एक्सप्रेस के चार डिब्बे पटरी से उतर गए। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि मालगाड़ी द्वारा सिग्नल को नजरअंदाज करने के कारण यह घटना घटी। सिन्हा ने स्वीकार किया कि रेलवे का 'कवच' (ट्रेन-टकराव रोधी प्रणाली) गुवाहाटी-दिल्ली मार्ग पर सक्रिय नहीं था, जहां दुर्घटना हुई थी। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

इस हादसे के बाद इलाके में मातम पसर गया है। जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां स्थानीय नागरिकों ने सोमवार को बकरीद नहीं मनाई। पूरा गांव बचाव एवं राहत कार्य में लगा हुआ था। युवाओं की एक टोली ने घायलों को बोगी से बाहर निकाला और मेडिकल कॉलेज भेजा। चश्मदीदों ने आजतक से बातचीत में इस पूरी घटना की जानकारी दी है।

किसी का हाथ कटा, किसी का पै। तो किसी का सिर फटा। युवाओं ने कहा कि हमने उन लोगों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। ग्रामीणों ने प्रशासन का कंधे से कंधा मिलाकर बचाव कार्य में मदद की। एक स्थानीय ने बताया कि हादसा सुबह हुआ। जब हम मौके पर पहुंचे तो वहां काफी शोर था।
 

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