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(पुलिस विभाग में शोक)

उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार पुलिस अफसर त्रिपुरारी पांडेय का निधन हो गया है। 'सुपर कॉप' के नाम से चर्चित पुलिस अधिकारी त्रिपुरारी पांडेय का लंबी बीमारी के बाद जालौन में निधन हो गया। उनके निधन से पुलिस महकमे और कानपुर के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। योगी सरकार में मंत्री और कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत तमाम अधिकारियों ने पांडेय को श्रद्धांजलि दी । 

कानपुर में लंबे समय तक तैनात रहे कांस्टेबल से डिप्टी एसपी तक का सफर तय करने वाले त्रिपुरारी पांडेय ने बड़े-बड़े अपराधियों के नेटवर्क को तोड़कर और जेल भेजकर अलग पहचान बनाई थी। पुलिस अफसर पांडेय कानपुर में विभाग के अलावा लोगों में भी बहुत लोकप्रिय थे। त्रिपुरारी पांडेय ने बावरिया गिरोह, संजय ओझा गिरोह और एआरटीओ के वसूली सिंडीकेट को तोड़कर अलग पहचान बनाई थी। यही वजह थी कि उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला था। त्रिपुरारी पांडेय का अपराधियों को लेकर नेटवर्क काफी तगड़ा था। जीआरपी कानपुर में बतौर इंस्पेक्टर की तैनाती के दौरान उन्हें डिप्टी एसपी पद पर प्रमोशन मिला था। 

त्रिपुरारी पांडेय कानपुर में कलक्टरगंज, फजलगंज समेत कई थानों में सिपाही रहे। तीन जून की हिंसा में कुछ आरोपों को लेकर उन्हें जालौन ट्रेनिंग सेंटर में भेजा गया था। वहां किडनी और लिवर की बीमारी से ग्रस्त थे। वहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे है। एक बेटे की शादी कानपुर में ही हुई है। कोविड के दौरान गरीबों की मदद करने से लेकर कई बेटियों की शादी और बच्चों की पढ़ाई का खर्च उन्होंने उठाया था। बर्रा में अगवाकर मारे गए संजीत की बहन की पढ़ाई का खर्च भी त्रिपुरारी उठा रहे थे। वह संजीत की बहन को अपनी बहन मानते थे। रक्षाबंधन पर राखी भी बंधवाने आते थे।

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