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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि अमेरिका जल्द ही परमाणु परीक्षण फिर से करेगा। इस सप्ताह की शुरुआत में उन्होंने पेंटागन को सौंपा था कि परीक्षण का काम दोबारा शुरू हो। एयर फ़ोर्स वन में पत्रकारों के सवाल पर ट्रंप ने कहा, "आपको बहुत जल्द पता चल जाएगा। लेकिन हम कुछ परीक्षण करेंगे। अगर दूसरे देश ऐसा करते हैं तो हम भी करेंगे।"

अमेरिका का परमाणु हथियारों का पुनर्नवीनीकरण अभियान

ट्रंप ने पिछले कार्यकाल में अमेरिकी परमाणु हथियारों का व्यापक नवीनीकरण पूरा किया था। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि अमेरिकी हथियार किसी भी देश से अधिक शक्तिशाली हैं। उन्होंने चेताया कि रूस दूसरे नंबर पर जबकि चीन तीसरे स्थान पर है। अगले पांच वर्षों में अमेरिका चीन और रूस के बराबर पहुंचने की योजना बना रहा है।

अंतरराष्ट्रीय संदर्भ और दक्षिण कोरिया में चीन से वार्ता

यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब ट्रंप दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से व्यापार पर चर्चा के लिए मिलने वाले हैं। इस दौरान परमाणु हथियारों की दौड़ और क्षेत्रीय तनाव के मुद्दे भी चर्चा का विषय होंगे।

विश्व में परमाणु परीक्षण की वर्तमान स्थिति

उत्तर कोरिया ने 1990 के बाद से ही पूर्ण परमाणु परीक्षण जारी रखे हैं। रूस ने हथियार प्रणाली परीक्षण किए हैं लेकिन परमाणु विस्फोट नहीं किया। किम जोंग उन की अगुवाई में मिसाइल परीक्षण भी बढ़े हैं।

अमेरिका ने परमाणु परीक्षण कब और क्यों रोक दिया था?

1945 से 1992 के बीच अमेरिका ने 1,054 परमाणु परीक्षण किए। नेवादा रेगिस्तान में अधिकतर परीक्षण हुए। पर्यावरणीय चिंताओं और शीत युद्ध के तनाव में कमी के कारण परीक्षण रोक दिए गए। 1963 में आंशिक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि लागू हुई, जिससे वायुमंडल और पानी के परीक्षण बंद हो गए।

1974 और 1992 में परीक्षण सीमाएं और प्रतिबंध और सख्त कर दिए गए। 1997 में राष्ट्रपति क्लिंटन ने व्यापक testing प्रतिबंध संधि को मंजूरी देने का प्रयास किया था, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से वह अस्वीकार हो गई।