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UP News: सूबे की राजनीति में सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हालिया टिप्पणी पर तीखा कटाक्ष किया है। हालांकि, उन्होंने योगी का नाम लिए बिना अपनी प्रतिक्रिया दी, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री की ओर था।
अखिलेश यादव ने बीती रात्रि अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट साझा किया और उन्होंने कहा, "अशोभनीय कथन बताते हैं कि नकारात्मकता चरम पर हो तो देश, काल, स्थान की गरिमा का ख़्याल न करते हुए मानसिकता शब्दों के रूप में प्रकट होती है।"
ये बयान सीएम योगी के उस भाषण के बदले में आया, जो उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान दिया था। योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा था कि कुंभ में जिसने जो तलाशा, उसे वही मिला। गिद्धों को केवल लाश मिली, सुअरों को गंदगी मिली, संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्था वालों को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, गरीबों को रोजगार मिला, अमीरों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं को साफ-सुथरी व्यवस्था मिली, सद्भावना वाले लोगों को जाति रहित व्यवस्था मिली, भक्तों को भगवान मिले। मतलब सबने अपने-अपने स्वभाव और चरित्र के मुताबिक चीजों को देखा है।"
महाकुंभ को लेकर अखिलेश का तंज
सपा अध्यक्ष ने योगी के बयान को घेरते हुए लिखा कि महाकुंभ में जिन्होंने अपनों को तलाशा, उन्हें हमेशा के लिए खो चुके अपने परिजन का नाम न तो मृतकों की सूची में मिला और न ही खोया-पाया के रजिस्टर में। उन्होंने इस बयान के माध्यम से सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि महाकुंभ में कई लोगों को अपने प्रियजनों की जानकारी नहीं मिल सकी।
आगे उन्होंने कहा कि बहुतों ने महाकुंभ में राजनीतिक अवसरवाद को तलाशा और उनको आत्म प्रचार का माध्यम मिला, लेकिन उन्होंने अपनी इंसानियत को खो दिया और वाणी पर संतुलन को भी।
सीएम योगी पर तंज कसते हुए लिखा कि महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ, उनके पाप और पतन की सीमा भला कौन नाप सकता है।