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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को ‘यूपी विजन 2047’ विषय पर चल रही 24 घंटे से अनवरत चर्चा में CM योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए राज्य के समग्र विकास पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि समग्र विकास ही उत्तर प्रदेश को एक मजबूत और समृद्ध प्रदेश बनाने का आधार है, जो अंततः पूरे भारत के विकास की दिशा तय करेगा।
सीएम योगी ने विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में किए गए सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में 1 लाख 56 हजार से अधिक शिक्षा परिषद और उससे जुड़े विद्यालय हैं। उन्होंने बताया कि 2017 से पहले इस क्षेत्र की स्थिति बेहद खराब थी और कई स्कूल बंद होने के कगार पर थे। इसके बाद ‘स्कूल चलो अभियान’ की शुरुआत हुई, जिसने शिक्षा के स्तर को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय को संबोधित करते हुए CM ने कहा, “इस उम्र में दुश्मनी छोड़कर घर बुलाकर भोजन कराइए, ब्रजेश पाठक ही इलाज में मदद करेंगे।” इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष की आलोचनाओं पर भी तंज कसा और कहा कि विपक्ष के बुजुर्ग सदस्य जब अपनी सोच से बोलते हैं तो सही कहते हैं, लेकिन जब दूसरों के प्रभाव में आ जाते हैं तो उनका व्यवहार अलग होता है।
योगी आदित्यनाथ ने सरकार की आध्यात्मिक विरासत के प्रति सम्मान की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इस सरकार का उद्देश्य प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का सम्मान करते हुए विकास को आगे बढ़ाना है। उन्होंने पंडित श्याम नारायण पांडेय के कथन का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की विरासत बहुत बड़ी है और इस विरासत पर हर कोई काबिज नहीं हो सकता।
सत्र में CM ने विधानसभा के सभी सदस्यों का आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि यह चर्चा लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने और आगे बढ़ाने का प्रतीक है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत तभी विकसित होगा जब सभी राज्य अपनी जिम्मेदारियों को पूरी लगन से निभाएंगे।
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