_794377637.png)
Up Kiran, Digital Desk: भारत के क्रिकेट स्टार रिंकू सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार से बड़ी पेशकश मिली है। अब रिंकू सिंह शिक्षा विभाग में एक महत्वपूर्ण पद पर काम करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के पद पर तैनात किया है, जहां वह राज्य के शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाएंगे। इसके अलावा, छह अन्य खिलाड़ियों को भी विभिन्न सरकारी विभागों में तैनात किया गया है।
रिंकू सिंह इस सम्मान को पाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर नहीं हैं। उनसे पहले कई क्रिकेटर्स, जैसे हरभजन सिंह, मोहम्मद सिराज, केएल राहुल, ईशान किशन और उमेश यादव को भी सरकारी नौकरी मिल चुकी है। अब यह सवाल उठता है कि, क्या सरकारी नौकरी प्राप्त करने वाले ये खिलाड़ी, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, नियमित क्रिकेट खेलने के साथ-साथ अपनी सरकारी जिम्मेदारियां भी निभाते हैं? खासकर जब बात महीने भर चलने वाले आईपीएल जैसे टूर्नामेंट की होती है।
क्या सरकारी कर्मचारियों को इतनी लंबी छुट्टियां मिलती हैं?
सामान्य तौर पर देखा जाता है कि सरकारी कर्मचारियों को इतना समय छुट्टी पर रहने की अनुमति नहीं मिलती। एक सामान्य सरकारी कर्मचारी को अर्जित अवकाश (Earned Leave), बीमारी अवकाश (Sick Leave), आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) और मातृत्व/पितृत्व अवकाश (Maternity/Paternity Leave) जैसी छुट्टियां मिलती हैं। इसके अलावा, कर्मचारियों को छुट्टी लेने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है, जो संबंधित विभाग द्वारा दी जाती है, और यह स्थिति विशेष परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
क्रिकेटर्स को कैसे मिलती हैं लंबी छुट्टियां?
इसके विपरीत, खिलाड़ियों को खेल आयोजनों और राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए विशेष छुट्टियां दी जाती हैं। ये छुट्टियां, जो "स्पेशल कैजुअल लीव" के तहत दी जाती हैं, अधिकतम 30 दिन तक हो सकती हैं। इसके अलावा, खिलाड़ियों को "स्पेशल ड्यूटी लीव" भी दी जाती है, जिसके दौरान उनकी सैलरी में कोई कटौती नहीं होती। इस दौरान, वे अपने नियमित सरकारी कार्यों से मुक्त रहते हुए पूरी सैलरी प्राप्त करते हैं। यह विशेष सुविधा खिलाड़ियों को उनके खेल करियर को बनाए रखने और अपनी कड़ी मेहनत को नकारने के बजाय उसे सम्मानित करने के लिए दी जाती है।
--Advertisement--