Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा और क्रांतिकारी बदलाव होने जा रहा है। अब राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि हुनरमंद बनाने की भी पूरी तैयारी की जाएगी। योगी सरकार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों को लागू करते हुए, माध्यमिक स्कूलों (Secondary Schools) में कौशल विकास (Skill Development) का कार्यक्रम शुरू करने जा रही है।
इस महत्वाकांक्षी योजना का मकसद छात्रों को पढ़ाई के दौरान ही किसी न किसी ट्रेड में माहिर बनाना है, ताकि 12वीं पास करने के बाद उनके हाथ में सिर्फ एक डिग्री नहीं, बल्कि रोजगार का एक ठोस विकल्प भी हो।
प्रोजेक्ट प्रवीण' के तहत होगी शुरुआत: इस योजना को 'प्रोजेक्ट प्रवीण' (Project Praveen) नाम दिया गया है और इसे माध्यमिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन मिलकर चलाएंगे।
किन्हें मिलेगी ट्रेनिंग? इस योजना के तहत कक्षा 9 और कक्षा 11 के छात्रों को स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी।
पहला चरण: पहले चरण में, राज्य के 150 स्कूलों में यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।
छात्रों का चयन: हर स्कूल से 80 छात्रों (कक्षा 9 से 40 और कक्षा 11 से 40) को इस कार्यक्रम के लिए चुना जाएगा।
छात्र चुन सकेंगे अपनी पसंद का ट्रेड: छात्रों के पास अपनी रुचि के अनुसार चुनने के लिए 11 अलग-अलग ट्रेड का विकल्प होगा, जिनमें आज के जॉब मार्केट की सबसे ज्यादा डिमांड है। इनमें शामिल हैं:
आईटी-आईटीईएस (IT-ITES)
परिधान (Apparels)
ऑटोमोटिव (Automotive)
स्वास्थ्य और कल्याण (Health and Wellness)
और भी बहुत कुछ...
क्या होगा इसका सबसे बड़ा फायदा: इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्रों को दो सर्टिफिकेट मिलेंगे - एक यूपी बोर्ड की तरफ से और दूसरा संबंधित सेक्टर स्किल काउंसिल की ओर से। यह ड्यूल सर्टिफिकेशन उन्हें 12वीं के बाद सीधे नौकरी पाने या अपना खुद का काम (स्वरोजगार) शुरू करने के योग्य बना देगा। यह कदम उन लाखों छात्रों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है जो अक्सर 12वीं के बाद अपने करियर को लेकर भ्रमित रहते हैं। यह उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।


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