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अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने हाल ही में कहा है कि यूक्रेन में जारी संघर्ष को लेकर रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों सहित हर संभव कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है। फॉक्स न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ कई विकल्पों पर गहराई से चर्चा हो रही है। बेसेंट ने कहा, "रूस ने जो बमबारी तेज़ की है, वह काफ़ी गंभीर है। इसलिए हर सम्भावित कार्रवाई पर ध्यान दिया जा रहा है।"

शिखर सम्मेलन के बाद कोई ठोस प्रगति नहीं

यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका और रूस के बीच अलास्का में शिखर सम्मेलन हुआ था। इस बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए प्रयास तेज करने पर चर्चा की थी। ट्रंप ने रूस को दो हफ्ते की समय सीमा दी थी कि वे शांति की दिशा में कदम बढ़ाएं। लेकिन अब जब यह समय सीमा पूरी हो चुकी है, तो युद्ध के समाप्ति की ओर कोई ठोस पहल नहीं दिखी।

पुतिन का यूक्रेन युद्ध का बचाव

इसी बीच, चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में पुतिन ने अपने कदमों का बचाव किया। उन्होंने इस संघर्ष को 2014 के कीव में हुए तख्तापलट से जोड़ा, जिसे पुतिन के अनुसार पश्चिमी शक्तियों ने भड़काया था। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को नाटो में शामिल करने की कोशिशें रूस की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, और इसी को लेकर उन्होंने सैन्य कार्रवाई शुरू की।

फ्रांस और जर्मनी की प्रतिक्रिया

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने साफ कहा है कि अगर पुतिन सोमवार तक शांति वार्ता के लिए प्रतिबद्ध नहीं हुए तो यह साबित होगा कि उन्होंने ट्रंप के साथ 'खेल' किया है। जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ के साथ बातचीत में मैक्रों ने इस बात पर जोर दिया कि ट्रंप द्वारा दी गई समय सीमा का सम्मान होना जरूरी था।

ज़ेलेंस्की की टिप्पणी

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भी इस स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने जनता को याद दिलाया कि ट्रंप ने पुतिन को शांति वार्ता के लिए एक या दो हफ्ते का वक्त दिया था। अब जबकि यह समय सीमा पूरी हो चुकी है और कोई वार्ता नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में पश्चिम और रूस के बीच तनाव बढ़ सकता है।

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