img

ईरान के साथ व्यापारिक लेनदेन को लेकर अमेरिका की हालिया सख्ती ने भारत की छह कंपनियों को सीधे निशाने पर ला दिया है। ये कदम ऐसे वक्त में आया है जब वाशिंगटन, ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने की अपनी नीति को और तेज कर रहा है। अमेरिका का दावा है कि ईरान से होने वाली पेट्रोकेमिकल्स की कमाई का उपयोग क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने और आतंकवाद को सहायता देने में किया जा रहा है।

प्रतिबंधों का केंद्र बनी भारतीय कंपनियां

जिन कंपनियों को इस प्रतिबंध सूची में डाला गया है, वे भारत के प्रमुख पेट्रोकेमिकल और औद्योगिक उत्पाद व्यापार से जुड़ी हैं। इनमें अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड, जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड, रमणीकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी, पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड, और कंचन पॉलिमर्स जैसे नाम शामिल हैं।

इनमें सबसे बड़ा लेनदेन अलकेमिकल सॉल्यूशंस द्वारा किया गया माना गया है, जिसने 2024 में करीब 84 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ईरानी उत्पाद आयात किए। इसी प्रकार, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स ने 51 मिलियन डॉलर की मेथनॉल खरीद की, जबकि जुपिटर डाई केम ने 49 मिलियन डॉलर से अधिक के टोल्यूनि आधारित उत्पाद मंगवाए।

--Advertisement--