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Up Kiran, Digital Desk: यूक्रेन युद्ध में एक सनसनीखेज मोड़ आ गया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रविवार को दावा किया कि यूक्रेनी सेना ने रूसी क्षेत्र में लगभग 4000 किलोमीटर अंदर तक घुसकर एक बड़ा ड्रोन हमला किया। यूक्रेन का दावा है कि इस हमले में रूसी एयरबेस को भारी नुकसान हुआ है और करीब 40 एयरक्राफ्ट बॉम्बर्स तबाह हो गए हैं। इस हमले को आधुनिक रूस के इतिहास में सबसे बड़े सैन्य नुकसानों में से एक के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि इस 'शानदार अभियान' के कई राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। एक ओर जहां रूस से खतरनाक जवाबी कार्रवाई की आशंका है वहीं दूसरी ओर यह भी संकेत मिल रहे हैं कि यूक्रेन के इस कदम से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नाराज हो सकते हैं। अहम बात यह है कि इस बड़े हमले को अंजाम देने से पहले यूक्रेन की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति को कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
हमले का पैमाना और रूस को नुकसान
यूक्रेन का दावा है कि उनके ड्रोन ने रूसी क्षेत्र में इतनी गहराई तक प्रवेश किया जितना पहले कभी नहीं किया गया था। इस हमले के बाद कीव का कहना है कि रूसी एयरबेस को गंभीर क्षति पहुंची है और 40 से अधिक विमान जिनमें रणनीतिक बॉम्बर्स भी शामिल हैं नष्ट हो गए हैं। यदि ये दावे सही साबित होते हैं तो यह रूसी वायु सेना के लिए एक बड़ा झटका होगा और यूक्रेन की लंबी दूरी के हमले की क्षमताओं में एक अहम वृद्धि का प्रदर्शन करेगा। युद्ध के विश्लेषणकर्ताओं के अनुसार यह हमला रूसी सैन्य बुनियादी ढांचे को लक्षित करने और उसके रणनीतिक क्रूज मिसाइल वाहकों को कमजोर करने का एक प्रयास था जिनका उपयोग यूक्रेन के खिलाफ हमलों में किया जाता है।
ट्रंप की नाराजगी: युद्धविराम की कोशिशों पर असर
एसोसिएटेड प्रेस (AP) के अनुसार एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस ड्रोन हमले के बारे में पहले से जानकारी नहीं दी गई थी। यह यूक्रेन के लिए एक गंभीर कूटनीतिक चुनौती खड़ी कर सकता है। ट्रंप सत्ता संभालने के बाद से ही रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम कराने की कोशिश कर रहे हैं। यूक्रेन के इस एकतरफा बड़े हमले ने एक बार फिर युद्धविराम की इन कोशिशों को पटरी से उतार दिया है।
बीते तीन वर्षों में अमेरिका ने यूक्रेन को आर्थिक और सैन्य रूप से भारी मदद दी है। अमेरिकी सहायता के बिना यूक्रेन के लिए इस युद्ध को इतने लंबे समय तक खींच पाना बेहद मुश्किल होता। हालांकि पिछले कुछ महीनों से यूरोपीय देश भी यूक्रेन को अहम मदद दे रहे हैं फिर भी अमेरिका का समर्थन उसके लिए अत्यंत अहम बना हुआ है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति को नाराज करना यूक्रेन के लिए भारी पड़ सकता है खासकर तब जब उसे भविष्य में भी अमेरिकी समर्थन की आवश्यकता होगी।
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