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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड का चमोली जिला, जहां बसा है एक जादुई स्थान फूलों की घाटी, अब पर्यटकों के लिए बंद कर दी गई है। यहां हर साल लाखों लोग आकर इस प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं। लेकिन अब पर्यटकों को अगले साल 1 जून तक इंतजार करना होगा, क्योंकि इस मौसम का समापन हो चुका है।

15,924 पर्यटकों ने किया सफर, विदेशी भी थे शामिल

इस साल, 1 जून से लेकर 31 अक्तूबर तक, फूलों की घाटी में कुल 15,924 पर्यटकों ने कदम रखा, जिनमें 416 विदेशी पर्यटक भी थे। इस दौरान नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन को 33 लाख रुपये की आमदनी भी हुई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि लोग इस हसीन जगह के खींचाव से कितने मोहित हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर घाटी, हर साल होती है बंद

फूलों की घाटी, जो समुद्रतल से 3658 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, 500 से अधिक फूलों की प्रजातियों का घर है। यह घाटी हर साल 1 जून को पर्यटकों के लिए खोली जाती है और 31 अक्तूबर को बंद हो जाती है। इस विशेष समय में इस घाटी में जो दृश्य होते हैं, वह किसी स्वर्ग से कम नहीं लगते।

कम पर्यटक आए इस बार, पिछले साल की तुलना में घटे आंकड़े

रेंजर चेतना कांडपाल के अनुसार, इस साल फूलों की घाटी में पर्यटकों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम रही। हालांकि, घाटी का आकर्षण अभी भी बरकरार है और हर साल यहां आने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

अगले साल जून में फिर से होगी फिर से शुरू, पर्यटकों का होगा स्वागत

फूलों की घाटी में हर साल एक विशेष अनुभव मिलता है। यह प्राकृतिक धरोहर जितनी सुंदर है, उतनी ही कठिन है। घाटी को बंद करने का निर्णय पर्यावरण संरक्षण और पौधों की प्रजातियों की रक्षा के उद्देश्य से लिया जाता है। अगले साल 1 जून को फिर से इस घाटी के दरवाजे पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे, और तब फिर से दुनिया भर के लोग इस अद्भुत दृश्य का आनंद लेने के लिए यहां आएंगे।