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Up Kiran, Digital Desk: "सेहत की बात अब अपनों के साथ" इस सोच को साकार करते हुए उत्तर प्रदेश के एक जिले में स्वास्थ्य विभाग ने एक सराहनीय पहल की है। अब गांवों में महिलाओं को सेहत की अहम जानकारी देने के लिए ‘स्वास्थ्य सखियां’ आगे आएंगी। ये वही महिलाएं हैं, जो गांव की गलियों और चौपालों से अच्छी तरह वाकिफ हैं, जिन्हें लोग नाम से जानते हैं और जिन पर भरोसा करते हैं।
जिले के सभी आठ ब्लॉकों से 240 महिलाओं को चुना गया है, जिन्हें खास प्रशिक्षण देकर "स्वास्थ्य सखी" बनाया जा रहा है। अब ये महिलाएं न केवल खुद मजबूत बनेंगी, बल्कि गांव की दूसरी महिलाओं और किशोरियों को भी सेहतमंद जीवन जीने की राह दिखाएंगी।
कौन हैं ये स्वास्थ्य सखियां
ये महिलाएं किसी और दुनिया से नहीं आईं – ये हमारी-आपकी ही तरह की महिलाएं हैं, जो पहले से स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी थीं और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रही हैं। अब इन्हें एक नई पहचान और जिम्मेदारी दी जा रही है – अपने गांवों में महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देना।
इन सखियों को विशेष रूप से यह सिखाया जाएगा कि गर्भावस्था में पोषण, समय पर जांच, आयरन की गोलियां, टीकाकरण, साफ-सफाई, किशोरियों में मासिक धर्म स्वच्छता, और मानसिक स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दों पर कैसे बात की जाए।
कहां और कैसे करेंगी काम
स्वास्थ्य सखियां गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों, उप-स्वास्थ्य केंद्रों या सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं और किशोरियों को एकत्र करेंगी। बातचीत का तरीका सहज और दोस्ताना होगा, ताकि हर महिला बिना हिचकिचाहट के अपने सवाल पूछ सके।
इन सखियों को ये भी सिखाया जा रहा है कि कैसे स्थानीय भाषा और सांस्कृतिक समझ का इस्तेमाल कर स्वास्थ्य शिक्षा को असरदार बनाया जा सकता है।
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