
बिहार के सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड में चार गांवों के ग्रामीणों ने एकता और इच्छाशक्ति की अनूठी मिसाल पेश की है। दशकों से नदी पर पुल की मांग अनसुनी रहने के बाद वीरता, मुशहरनिया, रजवाड़ा और खैरा टोल के लोगों ने आपसी सहयोग से अधवारा समूह की गोगा नदी पर 130 फीट लंबा, 6 फीट चौड़ा और 25 फीट ऊंचा जुगाड़ पुल बना लिया। इस पहल से करीब सात हजार लोगों और स्कूली बच्चों को आवागमन में बड़ी राहत मिली है।
ग्रामीणों की मेहनत को सलाम
गांव वालों ने लकड़ी, सीमेंट के पोल और लोहे से यह पुल तैयार किया। कुछ ने पेड़ दान किए, तो कुछ ने दिन-रात श्रमदान किया। पुल निर्माण की शुरुआत बजरंग बली के ध्वजारोहण और पूजा-अर्चना के साथ हुई। अब तक करीब 5 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, और रेलिंग का काम जल्द पूरा होगा। इस पुल से बाइक, ठेला और टोटो रिक्शा आसानी से आ-जा सकेंगे।
दशकों की समस्या का हल
पहले सोनबरसा बाजार या स्कूल जाने के लिए ग्रामीणों और बच्चों को 10 किमी से अधिक दूरी तय करनी पड़ती थी। सरकार से बार-बार मांग के बावजूद पुल नहीं बना। हार न मानते हुए गांव के लोगों ने खुद ये जिम्मा उठाया और अपने दम पर पुल बनाकर क्षेत्र के विकास का रास्ता खोल दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल ने न केवल आवागमन की समस्या हल की, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी गति देगा। लोगों में खुशी का माहौल है और ये पुल उनकी एकजुटता का प्रतीक बन गया है।
सीतामढ़ी के इन ग्रामीणों ने साबित कर दिया कि अगर मन में ठान लिया जाए, तो कोई काम असंभव नहीं। यह पुल न सिर्फ गांवों को जोड़ेगा बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनेगा। सरकार को भी इस पहल से सबक लेते हुए ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।