
Up Kiran, Digital Desk: देश का राजनीतिक गलियारा आजकल किसी न किसी बात को लेकर गर्म ही रहता है। इसी माहौल में, लेफ्ट पार्टियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में लगाए जा रहे 'गो बैक मोदी' के नारों पर राजनीतिक वार-पलटवार तेज हो गए हैं। इस विरोध का तीखा जवाब देते हुए, युवा नेता विनोषा रेड्डी ने लेफ्ट दलों को जमकर लताड़ा है।
रेड्डी ने साफ शब्दों में कहा है कि वामपंथी यानी लेफ्ट पार्टियाँ सिर्फ विरोध की राजनीति करने तक सीमित हो गई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब पीएम मोदी देश के लिए कोई बड़ा और जरूरी काम करते हैं, तो ये दल उसमें भी खामियाँ क्यों ढूँढने लगते हैं? यह विरोध सिर्फ 'विरोधी' होने के नाम पर किया जा रहा है, न कि किसी सही और बड़े विकास के मुद्दे पर।
विरोध नहीं, विकास देखना सीखें: अपने बयान में विनोषा रेड्डी ने ज़ोर देकर कहा कि लेफ्ट पार्टियों का ध्यान हमेशा सिर्फ नकारात्मक बातों पर रहता है। उन्होंने लेफ्ट दलों से पूछा कि वह ये समझ क्यों नहीं पाती हैं कि नरेंद्र मोदी जो भी नीतियाँ बनाते हैं, उनका मुख्य उद्देश्य देश का तेजी से विकास करना होता है?
रेड्डी का मानना है कि 'गो बैक मोदी' (Go Back Modi) जैसे नारे लगाकर ये दल न सिर्फ राजनीतिक भ्रम फैला रहे हैं, बल्कि अपनी पुरानी, अप्रासंगिक हो चुकी राजनीति को आगे बढ़ाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि भारत की जनता अब जागरूक हो चुकी है और पीएम मोदी की ईमानदारी और राष्ट्र निर्माण के विजन को अच्छी तरह समझती है।
सिर्फ नाम के लिए विरोध न करें: विनोषा रेड्डी ने अपने तर्क में लेफ्ट पार्टियों से कहा कि अगर उन्हें वाकई किसी चीज का विरोध करना है, तो वह उन वास्तविक समस्याओं का करें जो अभी भी ज़मीन पर हैं। उन्होंने उनसे अनुरोध किया कि किसी व्यक्ति के प्रति अपनी व्यक्तिगत खुंदक की वजह से विकास कार्य और योजनाओं को अनदेखा न करें। उनके अनुसार, लेफ्ट पार्टियाँ जमीनी स्तर पर जनता से पूरी तरह से कट चुकी हैं, इसलिए उनकी राजनीति अब नारों तक ही सिमट गई है, जबकि जनता विकास को तरजीह दे रही है।
इस बयान से यह साफ है कि आने वाले समय में देश के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जो राजनीतिक माहौल बनेगा, उसमें समर्थक और विरोधी दलों के बीच टकराव और तेज़ होता दिखाई देगा।