Up Kiran, Digital Desk: बारिश का मौसम जा रहा है और हल्की-हल्की गुलाबी ठंड ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। यह मौसम हम सबको बहुत सुहाना लगता है, लेकिन अपने साथ यह बीमारियों का एक पूरा जत्था लेकर आता है। इस बदलते मौसम का सबसे ज़्यादा असर इस वक्त मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में देखने को मिल रहा है, जहाँ वायरल फीवर का प्रकोप एक बार फिर से लौट आया है और हालात ऐसे हैं कि हर घर में कोई न कोई सदस्य बिस्तर पर पड़ा है।
अस्पतालों में पैर रखने की जगह नहीं
पन्ना के जिला अस्पताल का हाल तो यह है कि मरीज़ों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। सुबह से ही पर्चा कटवाने वाली खिड़की से लेकर डॉक्टर के कमरे के बाहर तक, हर जगह बस मरीज़ और उनके परेशान घरवाले ही नज़र आ रहे हैं। अस्पताल की ओपीडी (OPD) में पैर रखने तक की जगह नहीं है।
किसको बना रहा है ज़्यादा निशाना?
इस वायरल फीver की चपेट में यूँ तो हर उम्र के लोग आ रहे हैं, लेकिन इसका सबसे ज़्यादा असर बच्चों और बुज़ुर्गों पर देखने को मिल रहा है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) कमज़ोर होने की वजह से वे इस संक्रमण का आसानी से शिकार बन रहे हैं।
क्या हैं इसके लक्षण?डॉक्टरों के मुताबिक, यह कोई नई बीमारी नहीं है, बल्कि एक मौसमी वायरल इन्फेक्शन है। इसकी शुरुआत होती है:
हल्के सर्दी-ज़ुकाम और छींकों से।
फिर गले में खराश और दर्द होने लगता है।
इसके बाद पूरे शरीर में दर्द और कमज़ोरी महसूस होती है।
और फिर तेज़ बुखार आ जाता है जो आसानी से नहीं उतरता।
क्यों फैल रहा है इतना तेज़ी से?डॉक्टरों का कहना है कि यह मौसम, यानी जब न ज़्यादा गर्मी होती है और न ज़्यादा सर्दी, वायरस के फैलने के लिए सबसे अनुकूल होता है। हवा में नमी होने के कारण इन्फेक्शन एक इंसान से दूसरे इंसान तक बहुत तेज़ी से पहुँचता है।
कैसे करें अपना बचाव?इस मौसमी बीमारी से डरने की नहीं, बल्कि लड़ने की ज़रूरत है। डॉक्टरों ने कुछ बहुत ही आसान सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें: कोशिश करें कि इस समय बाज़ारों और मेलों जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कम से कम जाएं।
खान-पान का ध्यान रखें: बाहर का तला-भुना और बासी खाना खाने से बचें। घर का बना ताज़ा और गर्म खाना खाएं और गर्म पानी पिएं।
साफ़-सफाई का रखें ख्याल: कहीं बाहर से आने पर अपने हाथ-पैर अच्छी तरह से धोएं।
अपनी मर्ज़ी से दवा न लें: यह सबसे ज़रूरी सलाह है। अगर आपको बुखार या कोई और लक्षण दिख रहा , तो अपने मन से कोई भी एंटीबायोटिक या पेन-किलर न लें। तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाएं और उनकी सलाह पर ही इलाज शुरू करें।
थोड़ी सी सावधानी बरतकर आप और आपका परिवार इस मौसमी बीमारी की चपेट में आने से बच सकते हैं।
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