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Up Kiran , Digital Desk: उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर केंद्र के सामने दिल से अपनी बात रखी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और उनकी टीम से खास मुलाकात की। बैठक सिर्फ औपचारिक नहीं थी—यह राज्य की ज़मीनी हकीकत और भावनात्मक ज़रूरतों को सामने रखने का एक ईमानदार प्रयास था।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियाँ बाकी राज्यों से बेहद अलग हैं। यहाँ विकास की राह में सिर्फ ऊँचाई और घाटियाँ नहीं, बल्कि आर्थिक बाधाएँ भी आती हैं। तीर्थाटन, पर्यटन और प्राकृतिक आपदाओं का दबाव तो अलग ही है। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने नौ अहम क्षेत्रों में विशेष केंद्रीय सहायता की अपील की।

मुख्यमंत्री का कहना था—“हम सिर्फ मदद नहीं मांग रहे हैं, बल्कि देश के लिए जो पर्यावरणीय सेवाएं हम मुफ्त में दे रहे हैं, उसके लिए न्याय मांग रहे हैं।” उन्होंने उदाहरणों के ज़रिए बताया कि उत्तराखंड को वन संरक्षण, फ्लोटिंग आबादी के प्रबंधन, और बिखरे हुए गांवों तक सुविधाएं पहुंचाने में कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खास बात यह रही कि उन्होंने बीते 25 वर्षों की प्रगति और वित्तीय अनुशासन को भी बखूबी सामने रखा।

राज्य के 70% से ज़्यादा इलाके जंगलों से घिरे हैं। ये जंगल सिर्फ पेड़ नहीं हैं, ये देश की फेफड़े हैं। लेकिन इन्हीं वनों के कारण राज्य को दोहरी चुनौती झेलनी पड़ती है—एक तरफ इनका संरक्षण, और दूसरी तरफ विकास कार्यों पर लगने वाले प्रतिबंध। यानी पर्यावरण की कीमत पर उत्तराखंड की तरक्की रुक जाती है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पर्वतीय इलाकों में निर्माण लागत दो-तीन गुना अधिक होती है। फिर भी राज्य की विकास यात्रा नहीं थमती। लेकिन अब ज़रूरत है कि वित्त आयोग इन सच्चाइयों को अपनी रिपोर्ट में गंभीरता से शामिल करे

उत्तराखंड की उम्मीदें—संक्षेप में:

वन संरक्षण के एवज में विशेष आर्थिक सहायता

कर हस्तांतरण में वन आच्छादन की हिस्सेदारी को 10% से बढ़ाकर 20% करना

वनों के प्रबंधन के लिए विशेष अनुदान

जलविद्युत परियोजनाओं पर रोक से हुए नुकसान की भरपाई

राजस्व घाटा अनुदान की जगह राजस्व आवश्यकता अनुदान लागू किया जाए

तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए सुविधाएं जुटाने हेतु निकायों को विशेष आर्थिक मदद

पर्वतीय निर्माण लागत की भरपाई के लिए विशेष मदद

स्वास्थ्य और शिक्षा पर प्रति व्यक्ति खर्च के लिए वित्तीय सहायता

जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विशेष अनुदान

आयोग अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने राज्य की बातों को पूरी गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि वे हर पहलू का सूक्ष्मता से अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेंगे।

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