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Up Kiran, Digital Desk:  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत, देशभर के किसान 21वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस योजना के माध्यम से हर किसान को 2,000 रुपये की तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये मिलते हैं। लेकिन इस बार, कुछ किसान इस वित्तीय लाभ से बाहर हो सकते हैं। क्या आप भी इन किसानों में शामिल हैं? जानिए इसके कारण और कैसे चेक करें अपनी पात्रता।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना क्या है?

पीएम किसान योजना को प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2019 में शुरू किया था। इसका मुख्य उद्देश्य भूमि धारक किसानों को आर्थिक मदद देना है, ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सकें। इस योजना के तहत, प्रत्येक किसान को प्रति वर्ष 6,000 रुपये मिलते हैं, जो तीन समान किश्तों में उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं। यह पैसा सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक अकाउंट में भेजा जाता है।

पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त: कैसे करें अपनी पात्रता जांच?

अब अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि आपकी अगली किश्त कब आएगी या क्या आप पात्र हैं, तो ये आसान कदम फॉलो करें:

आधिकारिक पीएम किसान वेबसाइट पर जाएं - pmkisan.gov.in

"डैशबोर्ड" टैब पर क्लिक करें।

अब, अपनी राज्य, जिला, उप-जिला, और पंचायत का चयन करें।

"शो" बटन पर क्लिक करें।

इसके बाद, आप अपने नाम और विवरण की सूची में देख सकते हैं।

क्यों कुछ किसान नहीं पा रहे 21वीं किस्त का लाभ?

आधिकारिक पीएम किसान वेबसाइट पर बताया गया है कि कुछ संदिग्ध मामलों की पहचान की गई है, जिनमें किसान योजना के नियमों के उल्लंघन कर रहे थे। यदि आपने 1 फरवरी, 2019 के बाद भूमि स्वामित्व प्राप्त किया है, तो आप इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा, यदि आपके परिवार में एक से अधिक सदस्य इस योजना का लाभ ले रहे हैं (जैसे, पति और पत्नी दोनों), तो आपकी पात्रता भी रद्द हो सकती है।

पीएम किसान योजना के लाभार्थियों की सूची में नाम कैसे चेक करें?

अपने आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करें।

ई-केवाईसी पूरा करें।

पीएम किसान पोर्टल पर जाकर अपनी पात्रता स्थिति चेक करें।

यदि आप "अपात्र" हैं, तो उस स्थिति को ठीक करने के लिए भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करें।

पीएम किसान योजना 21वीं किस्त कब आएगी?

अभी तक सरकार ने इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन किसानों को उम्मीद है कि यह किश्त जल्द ही उनके खाते में आ जाएगी। कई किसान इस वित्तीय मदद का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे अपनी खेती की ज़रूरतों को पूरा कर सकें।