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किडनी हमारे शरीर का एक ऐसा महत्वपूर्ण अंग है, जो बिना रुके दिन-रात काम करता है।

यह शरीर से कीटनाशक और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है।

पानी, नमक और आतिशबाजी का संतुलन बना रहता है।

साथ ही जरूरी है हार्मोन ब्लड मिनरल को नियंत्रित करना और शरीर को स्वस्थ बनाना।

लेकिन लचीलापन, गलत स्वभाव और अनहेल्दी व्यवहार के साथ आज डायबिटीज से जुड़े विकार तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपकी किडनी लंबे समय तक सही तरीके से काम करे, तो कुछ चीजों का सेवन पर तुरंत ब्रेक लगाना जरूरी है।

दांतेदार जानवरों को नुकसान
1. बहुत ज़्यादा नमक
जैतून का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड मिक्सचर) का मुख्य कारण बनता है, जिससे मरीज़ों पर भारी दबाव होता है।

WHO के अनुसार, भारतीय आम तौर पर 5 ग्राम से अधिक नमक रोज़ खाते हैं।

अचार, पापड़, चिप्स और रेस्तरां के भंडार में काफी मात्रा में नमक मिलाया जाता है।

सर्वोत्तम विकल्प: जीरा, धनिया, नींबू का रस, अदरक और सेंधा नमक (सीमित मात्रा में) अपने खाने के स्वाद से।

2. रेस्तरां और रेस्तरां
इंस्टेंट आइटम्स, फ्रोजन फूड्स, चिप्स और रेडी-टू-ईट आइटम्स में वैसिएशिया, प्रिजर्वेटिव्स और ट्रांस फाइट्स पाए जाते हैं।

इनके लगातार सेवन से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है और क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) का खतरा बढ़ सकता है।

सर्वोत्तम विकल्प: स्ट्रॉबेरी स्ट्रॉबेरी सब्जियां, भुने हुए चने, पोहा चिवड़ा और बेक्ड मखाने जैसे ज्वालामुखी अपने रसायन।

3. लाल मांस (लाल मांस)
लाल मांस (बीफ, मटन) में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, लेकिन इसमें नियमित और भारी मात्रा में सोडियम और क्रिएटिनिन जैसे वेस्ट प्रोडक्ट्स का उत्पादन बढ़ाया जाता है।

इससे कैंसर पर भारी दबाव पड़ सकता है और उनके मोटापे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

बेहतर विकल्प: प्रोटीन के लिए मूंग दाल, राजमा, चना, पनीर, टोफू और दही जैसे प्लांट-बेस्ड और लो-इन्फ्लेमेटरी विकल्प चुनें।

4. ऑर्गेनिक उत्पाद
समूह उत्पाद (दूध, वस्तु, मक्खन) भले ही कैल्शियम का अच्छा स्रोत हो, लेकिन इनके अधिक सेवन से किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) की समस्या पैदा हो सकती है।

शरीर में कैल्शियम की अधिक मात्रा जमाव किडनी के लिए खतरनाक हो सकती है।

सर्वोत्तम विकल्प: टोंड दूध, कम वसा वाला दही और हरी पत्तीदार केसरी जैसे पालक और रागी से भी कैल्शियम की आपूर्ति की जा सकती है।

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