img

Up  Kiran , Digital  Desk: हमारी धमनियाँ (धमनियाँ) शरीर के आवश्यक अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्त्व का अहम काम करती हैं। लेकिन जब ये धमनियां अवरुद्ध हो जाती हैं, तो ना केवल दिल का दौरा (हार्ट अटैक) या स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है, बल्कि बाधाओं में भी खतरनाक दृश्य पैदा हो सकते हैं।

जब दांतों की धमनियों में रुकावट होती है और रक्त का प्रवाह बाधित होता है, तो इस स्थिति को पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) कहा जाता है। ज्यादातर लोगों को इस बीमारी के बारे में पता ही नहीं चलता, जिससे समय पर इलाज नहीं हो पाता।

आइए जानते हैं इस बीमारी के कारण, लक्षण और कैसे पाएं समय से बचाव।

आदिवासियों में धमनियों के बंद होने का मुख्य कारण
वसायुक्त जामव और रेलवे के धमनियों की आंतरिक दीवारों पर जाम होना।

धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और गतिहीनता प्रमुख जोखिम कारक हैं।

समय के साथ ये कारक रक्त द्रव्यों को ख़राब बना देते हैं, जिससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है और गंभीर दुष्प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं:दर्द   ,   संक्रमण

यहां तक ​​कि अंग का नुकसान भीआदिवासियों में धमनियों के ब्लॉकेज के लक्षणअगर आपके शरीर में ये संकेत दिखते हैं, तो उन्हें लाइसेंस न दें:दर्द या ऐंठन में जीवित रहने का समयआदिवासियों में सुन्नता या कमजोरी महसूस होनाबारात या पंजों में ठंडक लगनाबस्तियाँ या फिर स्मारक पर न स्मारक वाले घावत्वचा का चमकीला, रंग-बिरंगा होटल या स्टॉकिस्ट का धब्बा स्थानसमय रहते इन निर्देशों पर ध्यान देना जीवन बीमा के लिए अत्यंत आवश्यक है।

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का निदान कैसे होता है?
अंकल-ब्रेकियल स्केल (एबीआई) टेस्ट: इसमें घुटने और हाथ के रक्तचाप की तुलना की जाती है।डॉपलर अल्ट्रासाउंड: ब्लड फ़्लो की स्थिति देखने के लिए।सिटी एंजियोग्राफ़ या मेट्रिक एंजियोग्राफ़: धमनियों में ब्लॉकेज की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए।सही समय पर निदान से बीमारी का सफल इलाज संभव है।

इलाज के तरीके: बंद धमनियां कैसे ठीक करें?
उपचार रोगी की स्थिति पर प्रतिबंध है:जीवनशैली में बदलाव: धूम्रपान करना, नियमित व्यायाम करना और धूम्रपान करना।मोटापा: मोटापा, रक्तचाप और शुगर को नियंत्रित करने के लिए।सर्जरी: जब ब्लॉकेज गंभीर हो जाए तो ब्लड फ्लो को बहाल करने के लिए एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

पैदल यात्रियों को ब्लॉकेज से कैसे बचाएं?
हर दिन कम से कम 30 मिनट तेज गति से चलने की आदत।धूम्रपान से बिल्कुल अलग दूरी।ब्लड ख़राब और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें।अन्य फल, औषधि और साबुत अनाज का अधिक सेवन करें।समय-समय पर चेकअप डिज़ाइन में रहें ताकि बीमारी का समय पता चल सके।

--Advertisement--