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Up Kiran, Digital Desk: कैंसर से लड़ाई को मज़बूत करने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। शुक्रवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज में शहरी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम करने वाले मेडिकल ऑफिसरों के लिए NCD 4.0 पहल के तहत एक ख़ास ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कैंसर पर नियंत्रण को ज़मीनी स्तर पर और मज़बूत करना है, जिसके लिए जागरूकता बढ़ाने और शुरुआती पहचान के हुनर को बेहतर बनाने पर ज़ोर दिया गया।

जागरूकता ही बचाव का पहला कदम

मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. चिट्टी नरसिम्हा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैंसर से बचाव का सबसे पहला कदम जागरूकता है। उन्होंने बताया कि अगर इस बीमारी का शुरुआती दौर में ही पता चल जाए, तो इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने समय पर निदान (diagnosis) और इलाज के महत्व को भी रेखांकित किया।

जल्दी पहचान, सामान्य जीवन

स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ. प्रकाश ने कहा कि जल्दी पहचान होने से मरीज़ इलाज के बाद सामान्य जीवन जी सकते हैं। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि कैंसर भले ही किसी एक व्यक्ति को प्रभावित करता हो, लेकिन इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है। उन्होंने मेडिकल ऑफिसरों को निर्देश दिया कि वे संदिग्ध मामलों को स्टेट कैंसर हॉस्पिटल, कुरनूल में रेफर करें, जहाँ हर मंगलवार और गुरुवार को OP नंबर 222 पर परामर्श (consultation) की सुविधा उपलब्ध है।

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