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Up Kiran, Digital Desk: कल्पना कीजिए कि जब देश के सबसे साफ़-सुथरे राज्यों की गिनती हो, तो उसमें हमारे अपने राज्य का नाम गर्व से लिया जाए। यह सपना अब सिर्फ सपना नहीं, बल्कि एक मिशन बन गया है। राज्य के मुख्यमंत्री ने साफ़-सफाई को लेकर एक बहुत बड़ा और स्पष्ट लक्ष्य तय कर दिया है, और इस बार इसमें कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

हाल ही में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में, मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा, "साफ़-सफाई के मामले में हमें किसी भी हाल में देश के टॉप तीन राज्यों में अपनी जगह बनानी है। बस ठीक-ठाक काम करने या लिस्ट में कहीं बीच में रहने से अब काम नहीं चलेगा।"

अधिकारियों को मिली सीधी ज़िम्मेदारी

यह सिर्फ एक बयान नहीं है, बल्कि हर उस अधिकारी के लिए एक सीधा आदेश है जिसकी ज़िम्मेदारी शहरों और गांवों को साफ़ रखने की है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि:

अब बहाने नहीं चलेंगे: अधिकारी अब संसाधनों की कमी या दूसरी समस्याओं का बहाना बनाकर बच नहीं सकते। उन्हें हर हाल में नतीजा देना होगा।

सड़कों से लेकर नालियों तक, सब चमकना चाहिए: शहर की गलियां, मुख्य सड़कें, नालियां, और सार्वजनिक शौचालय, हर एक कोने को साफ़-सुथरा रखने पर जोर दिया गया है।

गीला और सूखा कचरा अलग करना ही होगा: घरों से निकलने वाले गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा करने के सिस्टम को और मज़बूत करने का निर्देश दिया गया है ताकि कचरा प्रबंधन (Waste Management) बेहतर हो सके।

यह हम सभी की लड़ाई हैमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह लक्ष्य सिर्फ सरकारी अधिकारियों के दम पर हासिल नहीं किया जा सकता। यह एक 'जन-आंदोलन' बनना चाहिए, जिसमें हर एक नागरिक की भागीदारी ज़रूरी है। जब हम खुद यह तय कर लेंगे कि हमें अपना घर, अपनी गली, अपना शहर और अपना राज्य गंदा नहीं होने देना है, तभी यह बड़ा सपना सच हो पाएगा।