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Up Kiran, Digital Desk: अहमदाबाद विमान हादसे के सदमे से लोग अभी भी उबर नहीं पाए हैं। अहमदाबाद से लंदन जा रहा विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद क्रैश हो गया और जोरदार धमाके के साथ उसमें विस्फोट हो गया। हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 241 यात्री थे। धमाका इतना बड़ा था कि सभी यात्री जलकर मर गए। इसके साथ ही आसपास के इलाके में भी भारी नुकसान हुआ है। हादसे के बाद सबसे पहले स्थानीय लोगों ने ही बचाव अभियान शुरू किया। इस दौरान लोगों ने यात्रियों के शव के अंग जो भी मिल रहे थे, उन्हें इकट्ठा करना शुरू कर दिया था।

अहमदाबाद में विमान दुर्घटना को दो दिन हो चुके हैं। अब विमान का मलबा हटाने का काम पूरा किया जा रहा है। विस्फोट की तीव्रता के कारण बचाव दल में शामिल लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मेघानी नगर में फैले मलबे से लोगों का सामान उठाना काफी दर्दनाक अनुभव बन रहा है। एक स्थानीय व्यक्ति दोपहर का भोजन करने के लिए घर लौट रहा था। मगर दुर्घटना का दृश्य देखने के बाद उसने शवों और मलबे को इकट्ठा करने में मदद करना शुरू कर दिया। अब घटनास्थल से सामान हटाने का काम जारी है। सैनिकों और विशेषज्ञों के अलावा स्थानीय लोग स्वयंसेवक के तौर पर इस काम में मदद कर रहे हैं।

56 वर्षीय राजेश पटेल इसी इलाके के निवासी हैं। वह रियल एस्टेट प्रोफेशनल के तौर पर काम करते हैं। जब यह घटना हुई, तब राजेश पटेल दोपहर का भोजन करने के लिए घर आ रहे थे। मगर घर पहुंचने के बजाय वह अगले सात घंटे तक घटनास्थल पर मदद करते रहे।

राजेश पटेल ने कहा कि विस्फोट इतना भयानक था कि कोई भी घटनास्थल पर जल्दी नहीं पहुंच सका। घटनास्थल पर स्थिति बहुत खराब थी। मृतकों के शरीर के अंग हर जगह बिखरे पड़े थे। हमने कपड़ों में शरीर के अंगों को उठाना शुरू किया। बाद में हमने बचाव अभियान रात 9 बजे तक जारी रहा। इस दौरान मैंने खुद करीब 50 शव एकत्र किए।

 

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