Up kiran,Digital Desk : हर साल फिरोजाबाद जैसे छोटे शहरों से हजारों लड़के-लड़कियां बड़े सपने लेकर दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम (NCR) जैसे बड़े शहरों का रुख करते हैं। मकसद होता है अच्छी पढ़ाई और बेहतर नौकरी, ताकि अपनी और अपने परिवार की जिंदगी संवार सकें। लेकिन यह सपना कई युवाओं के लिए एक भयानक ख्वाब में बदल रहा है।
फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज की एक रिपोर्ट ने जो खुलासा किया है, वह हर माँ-बाप को चिंता में डाल सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में पढ़ाई या नौकरी करने गए जिले के कई युवा जब घर लौट रहे हैं, तो अपने साथ सिर्फ डिग्री और नौकरी ही नहीं, बल्कि HIV का संक्रमण भी लेकर आ रहे हैं।
कैसे सामने आई यह चौंकाने वाली सच्चाई?
मेडिकल कॉलेज के एआरटी (एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर में जब इन युवाओं से बातचीत और काउंसलिंग की गई, तो यह दर्दनाक सच्चाई सामने आई। पिछले 5 सालों में जिले में 1162 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए, जिनमें से 85 की दुखद मौत भी हो चुकी है।
काउंसलिंग में पता चला कि इनमें से ज्यादातर युवा, जिनकी उम्र 18 से 32 साल के बीच है, उन्होंने बड़े शहर की चकाचौंध और आजादी में कुछ ऐसी गलतियां कर दीं, जिसकी कीमत वे अब जिंदगी भर चुकाएंगे। ज्यादातर मामले असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण सामने आए हैं।
एक और सामाजिक दर्द: शादी के लिए नहीं मिल रहीं लड़कियां
यह बीमारी सिर्फ शरीर को ही नहीं, बल्कि सामाजिक जीवन को भी तोड़ देती है। सरकार HIV पीड़ितों को आपस में शादी करने की इजाजत देती है। पिछले दिनों तीन पॉजिटिव लड़कियों की शादी पॉजिटिव लड़कों से कराई भी गई। लेकिन अब एक नई चुनौती सामने खड़ी है। सेंटर में 25 HIV पॉजिटिव लड़कों ने शादी के लिए अपना नाम लिखवाया है, लेकिन उनके लिए कोई पॉजिटिव लड़की नहीं मिल रही है।
राहत की बात: इलाज काम कर रहा है
इस अंधेरे में एक उम्मीद की किरण भी है। जो लोग नियमित रूप से इलाज करा रहे हैं, उनमें से 80% मरीजों में वायरस का असर (वायरल लोड) लगभग खत्म हो गया है, जो बताता है कि दवाइयां असर कर रही हैं।
चिंता की बात: कुछ ने बीच में ही छोड़ दिया इलाज
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि करीब 200 मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने बीच में ही अपना इलाज छोड़ दिया है। स्वास्थ्य विभाग अब उन्हें ढूंढने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि अधूरा इलाज मौत को दावत देने जैसा है।
आइए, कुछ गलतफहमियों को दूर करें (ऐसे नहीं फैलता एड्स)
- एड्स पीड़ित से हाथ मिलाने, गले मिलने से यह नहीं फैलता।
- उनके साथ खाना खाने या पानी पीने से नहीं फैलता।
- एक ही टॉयलेट या स्विमिंग पूल इस्तेमाल करने से नहीं फैलता।
- पीड़ित के खांसने या छींकने से नहीं फैलता।
- उनके कपड़े या बिस्तर इस्तेमाल करने से नहीं फैलता।
कैसे फैलता है एड्स?
- असुरक्षित यौन संबंध बनाने से।
- संक्रमित खून चढ़ाने या संक्रमित सुई का इस्तेमाल करने से।
- गर्भवती माँ से उसके बच्चे को।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि जब तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक नियमित इलाज ही पीड़ितों के लिए जिंदगी है।




