img

Up Kiran, Digital Desk: अभी 2024 का साल खत्म भी नहीं हुआ है, लेकिन असम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इस बार बीजेपी की रणनीति थोड़ी अलग और बेहद दिलचस्प है। पार्टी ने चुनाव प्रचार का आगाज किसी बड़ी रैली या मंत्री-विधायकों की फौज से नहीं, बल्कि अपने 'जमीनी सिपाहियों' यानी पंचायत नेताओं के एक बड़े सम्मेलन से किया है।

रणनीति है 'गांव से जीत' की : गुवाहाटी में आयोजित इस राज्य-स्तरीय पंचायत नेता सम्मेलन में बीजेपी ने साफ कर दिया है कि उनकी नजरें 2026 के विधानसभा चुनाव पर हैं और इस बार उनका लक्ष्य 100 से ज्यादा सीटें जीतना है।

असम बीजेपी के अध्यक्ष भाबेश कलिता ने इस मौके पर कहा, "हमारे 2026 के चुनाव अभियान की शुरुआत आज से हो गई है।" उन्होंने बताया कि पार्टी इस बार ऊपर से नहीं, बल्कि नीचे से काम करेगी। हर बूथ को मजबूत किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों को दी जाएगी।

क्यों है पंचायत नेताओं पर इतना भरोसा?

बीजेपी का मानना है कि पंचायत नेता सीधे तौर पर जनता से जुड़े होते हैं और वही सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों की असली जानकारी गांव-गांव तक पहुंचा सकते हैं। पार्टी को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में हुए विकास कार्यों पर पूरा भरोसा है। 

बीजेपी की योजना है कि पंचायत नेता अपने-अपने इलाकों में जाकर सरकार के काम का प्रचार करें और बूथ स्तर पर पार्टी को इतना मजबूत कर दें कि विपक्ष के लिए कोई मौका ही न बचे।