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Up kiran,Digital Desk : अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन में एक बड़े विवाद ने जन्म ले लिया है, जहां देश के रक्षा मंत्री पर एक टॉप-सीक्रेट सैन्य ऑपरेशन की जानकारी मैसेजिंग ऐप 'सिग्नल' पर लीक करने का गंभीर आरोप लगा। इस लीक की वजह से ऑपरेशन में शामिल सैनिकों की जान पर बन आई थी। हालांकि, अब इस मामले की जांच रिपोर्ट में रक्षा मंत्री को "क्लीन चिट" दे दी गई है, जिसने एक नई बहस छेड़ दी है।

क्या है पूरा मामला?

घटना इसी साल मार्च की है, जब अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बमबारी की थी। अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका 'द अटलांटिक' ने बाद में खुलासा किया कि रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सिग्नल ऐप पर एक ग्रुप चैट में इस हवाई हमले की पूरी डिटेल साझा कर दी थी। इसमें हमले का सटीक समय, इस्तेमाल होने वाले हथियार और मिसाइलों तक की जानकारी शामिल थी।

दुर्भाग्य से, उस चैट ग्रुप में 'द अटलांटिक' के संपादक जेफ्री गोल्डबर्ग भी गलती से जुड़ गए थे। उन्होंने बाद में यह पूरी जानकारी अपनी पत्रिका में प्रकाशित कर दी, जिससे अमेरिका के रक्षा मंत्रालय में हड़कंप मच गया।

जांच में खुलासा: सैनिकों की जान थी खतरे में

मामले की गंभीरता को देखते हुए पेंटागन के इंस्पेक्टर जनरल ने इसकी जांच शुरू की। अब जो जांच रिपोर्ट अमेरिकी सांसदों को सौंपी गई है, उसमें यह बात मानी गई है कि ऑपरेशन की संवेदनशील जानकारी समय से पहले लीक होने से मिशन पर गए सैनिकों और अधिकारियों की सुरक्षा गंभीर खतरे में पड़ गई थी।

फिर क्यों मिली क्लीन चिट?

हैरानी की बात यह है कि इतनी गंभीर चूक के बावजूद रिपोर्ट में रक्षा मंत्री को पूरी तरह से बरी कर दिया गया है। रिपोर्ट में यह तर्क दिया गया है कि रक्षा मंत्री होने के नाते, उनके पास किसी भी गोपनीय जानकारी को सार्वजनिक (डीक्लासिफाई) करने का कानूनी अधिकार है। इसी तकनीकी आधार पर उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे दी गई है।

इस फैसले के बाद, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "कोई गोपनीय जानकारी लीक नहीं की, पूरी तरह से बरी किया गया। मामला बंद हो गया है।"

इस रिपोर्ट ने अमेरिका में एक नई बहस शुरू कर दी है कि क्या अधिकारों का ऐसा इस्तेमाल, जिससे देश के सैनिकों की जान जोखिम में पड़ जाए, नैतिक रूप से सही है?

  • अमेरिकी रक्षा मंत्री पर सिग्नल ऐप पर एक गोपनीय सैन्य ऑपरेशन की जानकारी लीक करने का आरोप लगा था।
  • यह जानकारी गलती से एक पत्रकार तक पहुंच गई और प्रकाशित हो गई, जिससे मिशन पर गए सैनिकों की जान खतरे में पड़ गई।
  • पेंटागन के इंस्पेक्टर जनरल की जांच रिपोर्ट में रक्षा मंत्री को क्लीन चिट दे दी गई है।
  • रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि रक्षा मंत्री के पास जानकारी को 'डीक्लासिफाई' करने का अधिकार है।