
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज (बुधवार) कई महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता करने जा रहे हैं जिनकी गूंज सिर्फ दिल्ली तक नहीं बल्कि सीमा पार तक सुनाई दे रही है। इन बैठकों में सबसे अहम है सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक जो पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद दूसरी बार बुलाई गई है।
ये बैठक ऐसे समय में हो रही है जब देश का गुस्सा सातवें आसमान पर है और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी संगठनों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की मांग ज़ोर पकड़ रही है।
क्या होगा आज के एजेंडे में
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS)
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA)
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA)
केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियमित बैठक
इन बैठकों की शुरुआत सुबह 11 बजे से होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक हर बैठक का फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा कूटनीतिक रणनीति और संभावित जवाबी कार्रवाई पर केंद्रित रहेगा।
CCS: फैसला या संदेश
सीसीएस बैठक को लेकर अटकलें तेज हैं। 22 अप्रैल के हमले के बाद हुई पहली CCS बैठक में भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कुछ बड़े फैसले लिए थे — जैसे कि-
सिंधु जल संधि को निलंबित करना
अटारी बॉर्डर को बंद करना
पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द करना
भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को तत्काल लौटने का आदेश देना
अब जब दूसरी बैठक हो रही है तो सवाल है: क्या अगला कदम और बड़ा होगा?
क्या भारत बालाकोट जैसी एयरस्ट्राइक की तैयारी में है या कुछ और अप्रत्याशित?
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) की बैठक 2019 के पुलवामा हमले के बाद हुई थी — और उसके ठीक बाद हुआ था बालाकोट एयरस्ट्राइक।
अब पहलगाम की भयावहता ने CCPA को फिर से सक्रिय किया है। यह बैठक भारत की दीर्घकालिक राजनीतिक और कूटनीतिक रणनीति तय कर सकती है।
पाकिस्तान में बेचैनी क्यों
भारत के कड़े रुख और ‘हर हमले का जवाब मिलेगा’ की नीति के बाद पाकिस्तान में हलचल है। वहां की सेना हाई अलर्ट पर है और एलओसी पर गोलीबारी की घटनाएं भी तेज़ हो गई हैं।
लेकिन भारत ने भी स्पष्ट कर दिया है — उकसावे का जवाब “दोगुना” होगा।
आज की बैठकें क्यों महत्वपूर्ण हैं
देश की सामरिक दिशा तय हो सकती है।
पाकिस्तान को सख्त संदेश जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि मजबूत या आक्रामक हो सकती है।
देशवासियों को सुरक्षा और प्रतिशोध का भरोसा दिया जा सकता है।
क्या एक और बालाकोट होगा
आज की बैठकों से यह तय होगा कि भारत सिर्फ शब्दों से नहीं कार्रवाई से जवाब देगा या नहीं। प्रधानमंत्री मोदी की यह रणनीतिक कवायद देश की सुरक्षा नीति में एक निर्णायक मोड़ ला सकती है।
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