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Up Kiran, Digital Desk: आतंक का पर्याय बन चुका इस्लामिक स्टेट (ISIS) अपनी भर्ती रणनीति में एक खतरनाक बदलाव कर रहा है। हाल के महीनों में, सुरक्षा एजेंसियों ने पाया है कि ISIS के भर्तीकर्ता अब सीधे तौर पर महिलाओं और बच्चों को निशाना बना रहे हैं। यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है जो वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करती है।

महिलाओं की भूमिका में बदलाव: सेक्स स्लेव से 'समाज निर्माता' तक

शुरुआती दौर में, ISIS महिलाओं का इस्तेमाल सेक्स स्लेव के तौर पर करता था और उन्हें इराक, सीरिया या बाद में अफगानिस्तान ले जाया जाता था। हालाँकि, अब महिलाओं की भूमिका काफी बदल गई है। ISIS, विशेष रूप से अफगानिस्तान में अपने खुरासान प्रांत (ISIS Khorasan Province - ISKP) में, एक स्थायी समाज स्थापित करने की योजना बना रहा है। इसके लिए, ISIS महिलाओं को नए कैलिफेट की नींव रखने और भविष्य के जिहादियों को जन्म देने के लिए भर्ती कर रहा है। भारतीय एजेंसियां, खासकर केरल जैसे मामलों से, इस बात से वाकिफ हैं कि कैसे महिलाओं को भारत से ISIS में शामिल होने के लिए उकसाया जा रहा है।

ऑनलाइन प्रोपेगेंडा का इस्तेमाल: पुरुषों को 'जाल बिछाने' का आदेश

ISIS द्वारा ऑनलाइन और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग चैनलों पर चलाए जा रहे प्रोपेगेंडा में विशेष रूप से महिलाओं को संगठन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। इसके अलावा, पुरुषों को महिलाओं को 'जाल में फंसाने' और उन्हें अफगानिस्तान ले जाने की सलाह दी जा रही है। यह रणनीति ISIS की उन हालिया नुकसानों के बाद आई है, जिन्होंने संगठन को अपनी क्षमताओं को फिर से केंद्रित करने के लिए मजबूर किया है, विशेष रूप से ISKP पर।

अफगानिस्तान: ISIS की नई महत्वाकांक्षा, 'कैलिफेट' की स्थापना

ISIS अफगानिस्तान में एक लंबी पारी खेलने की योजना बना रहा है और वहां एक कैलिफेट स्थापित करना चाहता है, जो वह सीरिया और इराक में करने में असफल रहा था। इस योजना को सफल बनाने के लिए, संगठन बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों की भर्ती करने पर जोर दे रहा है। ISIS का एक दस्तावेज़, जिसका शीर्षक "बच्चों की शारीरिक तैयारी के लिए शिक्षक मार्गदर्शिका" ("Teachers’ Guide for Physical Preparation of Children") है, इस कार्यक्रम के बारे में और अधिक बताता है। संगठन ने अपने भर्तीकर्ताओं को बच्चों को बहका-फुसलाकर अफगानिस्तान भेजने का निर्देश दिया है।

बच्चों का ब्रेनवॉशिंग: भविष्य के लड़ाके तैयार करने की योजना

ISIS बच्चों को अपने भविष्य के लड़ाके बनाने के लिए उन्हें कट्टरपंथी बनाने की योजना बना रहा है। इसके लिए, वे बच्चों की 'शारीरिक तैयारी' पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ताकि वे कम उम्र में ही प्रशिक्षित हो सकें और लंबे समय तक संगठन के लिए उपयोगी बने रहें। यह बच्चों के कट्टरपंथ और उन्हें युद्ध के लिए तैयार करने का एक बेहद चिंताजनक पहलू है, जिसे लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी गंभीर रूप से चिंतित है।

ISIS-K की ताकत और ISI का समर्थन

अफगानिस्तान में ISIS को अमेरिकी सेनाओं और तालिबान दोनों से भारी नुकसान उठाना पड़ा था। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद, इसे तालिबान के साथ एक कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ा। हालाँकि, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के समर्थन से, ISKP कुछ क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करने में कामयाब रहा है। यह समर्थन ISIS-K को अफगानिस्तान में अपनी जड़ें जमाने और अपने "लॉन्ग हॉल" की योजना को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है।

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