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Up Kiran, Digital Desk: इस बार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर देशभर के श्रद्धालुओं के बीच एक बड़ा सवाल उभर कर आया है: आखिर जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी? हर साल की तरह इस बार भी भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाया जाएगा, लेकिन इस वर्ष तिथि और नक्षत्रों की स्थिति थोड़ी उलझन भरी है।
अष्टमी तिथि कब है, और क्यों हो रहा है भ्रम?
पंचांगों के अनुसार अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त की रात 11 बजकर 49 मिनट पर हो रही है और यह 16 अगस्त की रात 9 बजकर 34 मिनट तक चलेगी। हालांकि इस बार रोहिणी नक्षत्र नहीं रहेगा, जो कि आमतौर पर श्रीकृष्ण के जन्म के समय जुड़ा होता है। इसकी वजह से कई श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
काशी के ज्योतिषाचार्यों और परंपरागत पंचांगों के अनुसार, चूंकि अष्टमी तिथि का उदय 16 अगस्त को हो रहा है, इसलिए जन्माष्टमी इसी दिन मनाई जाएगी। मथुरा और वृंदावन जैसे धार्मिक केंद्रों में भी पर्व 16 अगस्त को ही आयोजित किया जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि 17 अगस्त की सुबह 4:30 बजे रोहिणी नक्षत्र जरूर आएगा, लेकिन तब तक अष्टमी समाप्त हो चुकी होगी।
क्या करें इस दिन दान में?
इस खास दिन का एक और पहलू है "घी संक्रांति", क्योंकि सूर्यदेव 16 अगस्त को सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। यही कारण है कि इस दिन घी, विशेष रूप से गाय के दूध से बना घी, दान करने को अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है।
इस दिन आप निम्न चीजों का दान कर सकते हैं:
- पीले वस्त्र
- गाय का घी
- ताजे फल
- छाता
- चना दाल
- गुड़
- सफेद खाद्य पदार्थ
मान्यता है कि यदि किसी ब्राह्मण को इन वस्तुओं का श्रद्धा से दान दिया जाए, विशेषकर भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर, तो गुरु ग्रह की दशा सुधरती है और जीवन की अड़चनें धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
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